पिरूल नीति का मसौदा कैबिनेट में रखेंगे

राज्य ब्यूरो, देहरादून राज्य में पिरूल को बायोमास ईधन के तौर पर इस्तेमाल कर बिजली उत्पादन संय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jan 2018 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jan 2018 03:00 AM (IST)
पिरूल नीति का मसौदा  कैबिनेट में रखेंगे
पिरूल नीति का मसौदा कैबिनेट में रखेंगे

राज्य ब्यूरो, देहरादून

राज्य में पिरूल को बायोमास ईधन के तौर पर इस्तेमाल कर बिजली उत्पादन संयंत्र लगाने में वन पंचायतों, स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं को वरीयता दी जाएगी। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि पिरूल नीति का मसौदा बनाकर इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

ऊर्जा सचिव ने गुरुवार को सचिवालय में पिरूल से बिजली उत्पादन के संबंध में नीति तैयार करने को लेकर ऊर्जा निगम, उरेडा और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उरेडा ने पिरूल संबंधी नीति के मसौदे का प्रस्तुतीकरण किया। ऊर्जा सचिव ने वन विभाग और उरेडा को राज्य में स्थानवार पिरूल की उपलब्धता के संबंध में मैपिंग के निर्देश दिए। साथ ही यह आकलन भी किया जाएगा कि प्रतिवर्ष पिरूल के कारण आग से कितनी हानि हो रही है। उक्त संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एलॉटमेंट कमेटी का गठन प्रस्तावित किया गया है। कमेटी की बैठक हर छह माह में होगी।

ऊर्जा सचिव ने कहा कि पिरूल नीति का मसौदा बनाकर सचिव समिति की बैठक में रखा जाएगा। सचिव समिति के अनुमोदन के बाद इसे कैबिनेट में प्रस्तावित किया जाएगा। बैठक में कहा गया कि राज्य में चीड़ बहुल क्षेत्रों से पिरूल को एकत्र कर बायोमास ईधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार भी सृजित होगा।

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