फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी

विश्व फार्मेसिस्ट दिवस पर दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में इंडियन फार्मासिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीएस पयाल ने कहा कि फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 09:26 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:26 PM (IST)
फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी
फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी

जागरण संवाददाता, देहरादून: विश्व फार्मेसिस्ट दिवस पर दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में इंडियन फार्मासिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीएस पयाल ने कहा कि फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

शुक्रवार को फार्मेसिस्ट एसोसिएशन देहरादून की ओर से आयोजित गोष्ठी में पयाल ने कहा कि कोरोनाकाल में कई फार्मेसिस्ट ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और काम का दबाव भी कई गुना बढ़ गया है। बावजूद इसके फार्मेसिस्टों का आत्मविश्वास डिगा नहीं है। डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक बीएस कलूड़ा ने कहा कि फार्मेसिस्ट मरीज और चिकित्सक के बीच सेतु की भूमिका में होते हैं। इस दौरान वे तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए कोरोना वायरस को परास्त करने की जंग में हैं। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था में फार्मेसिस्टों का महत्व सर्वविदित है। जिला अध्यक्ष सुधा कुकरेती ने कहा कि फार्मेसिस्ट दिवस दुनियाभर के फार्मेसिस्ट को समर्पित है। फार्मेसिस्ट का दवा के प्रति ज्ञान और जिम्मेदारी देखकर ही जहां दवा वहां फार्मेसिस्ट का नारा दिया गया है। इस दौरान जिला मंत्री सीएम राणा, पीएस बिष्ट, बीसी जोशी, भगवान सिंह राणा, एसडी अमोली, एनपी भट्ट, मुकेश नौटियाल आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

वर्चुअल तरीके से मनाया फार्मेसिस्ट दिवस

डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन (सेमवाल गुट) ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया। जिसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एसपी सेमवाल व संचालन महामंत्री पवन पांडेय ने किया। वर्चुअल मीट में वक्ताओं ने कहा कि कोरोनाकाल में फार्मेसिस्टों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फार्मासिस्ट पिछले छह माह से अधिक समय से अपनी जान की परवाह किए बिना अस्पतालों, कोविड केयर सेंटरों आदि जगह ड्यूटी कर संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं। चिकित्सक विहीन चिकित्सालयों में भी पूरा दारोमदार फार्मेसिस्टों के जिम्मे है। बदलते परिवेश में जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए फार्मेसिस्टों की भूमिका और महत्वपूर्ण होने जा रही है। वर्चुअल मीट में ईश कोठारी, गिरीश नौटियाल, प्रेमशंकर सिंह, कमल मेहता, पीएस गुसाईं, शेखर पपनै आदि ने शिरकत की।

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