मसूरी नगर पालिका की भूमि कब्जाने के मामले में याचिका खारिज

बार्लोगंज क्षेत्र में मसूरी नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण कर होटल के आउट हाउस आदि का निर्माण करने के मामले में हाईकोर्ट ने होटल संचालक की याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही पालिका व जिला प्रशासन को जल्द अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:26 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 08:26 PM (IST)
मसूरी नगर पालिका की भूमि कब्जाने के मामले में याचिका खारिज
मसूरी नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में हाईकोर्ट ने होटल संचालक की याचिका खारिज कर दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। बार्लोगंज क्षेत्र में मसूरी नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण कर होटल के आउट हाउस आदि का निर्माण करने के मामले में हाईकोर्ट ने होटल संचालक की याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही पालिका व जिला प्रशासन को जल्द अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

बार्लोगंज में नगर पालिका परिषद ने वर्ष 1937 में रिक्शा स्टैंड के लिए 0.202 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। इस भूमि पर अनिल धर नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर होटल व्हाइट हाउस के आउट हाउस आदि का निर्माण कर दिया था। जिला प्रशासन व एसआइटी (भूमि) की जांच में सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण होना पाया गया। इसके बाद मंडलायुक्त रनिवाथ रमन व जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के निर्देश पर जुलाई 2020 में छह व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही प्रशासन ने होटल के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।

इसके खिलाफ होटल संचालक अनिल धर ने हाईकोर्ट में अपील की थी। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज के तिवारी की कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना और इस क्रम में याचिका खारिज कर दी। हालांकि, उन्होंने पालिका व प्रशासन को निर्देश दिए कि अतिक्रमण हटाने के लिए पीपी एक्ट (सरकार संपत्ति से कब्जा हटाने संबंधी) में नोटिस जारी किया जाए। इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें अभी हाईकोर्ट का आदेश नहीं मिला है। आदेश के अनुपालन के लिए नगर पालिका परिषद को पूरा सहयोग दिया जाएगा।

पालिका संपत्ति पर फिलिंग स्टेशन निर्माण की जांच लंबित

मसूरी नगर पालिका की ही एक अन्य संपत्ति पर नियमों के विपरीत फिलिंग स्टेशन का निर्माण करने की जांच एसआइटी के स्तर पर लंबित चल रही है। इससे पहले जिला प्रशासन की जांच में सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण होना पाया गया था। मंडलायुक्त रविनाथ रमन के ही निर्देश पर एसआइटी जांच कर रही है। ताकि, अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सके। इस मामले में पालिका कार्मिकों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

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