भावी पीढ़ी को देंगे संसदीय परंपराओं का ज्ञान

जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्रीय विद्यालय संगठन और संसदीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 May 2018 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 10 May 2018 11:30 PM (IST)
भावी पीढ़ी को देंगे संसदीय परंपराओं का ज्ञान
भावी पीढ़ी को देंगे संसदीय परंपराओं का ज्ञान

जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्रीय विद्यालय संगठन और संसदीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाली 31वीं युवा संसद का दो दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम गुरुवार को शुरू हुआ। मुख्य अतिथि केवि संगठन देहरादून संभाग के उपायुक्त सोमित श्रीवास्तव, संसदीय कार्य मंत्रालय के अनु सचिव एबी आचार्य, केवि संगठन के सहायक आयुक्त विनोद कुमार व कार्यक्रम संयोजक केवि आइएमए की प्रधानाचार्य डॉ. चारू शर्मा ने दीप प्रच्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्य अतिथि सोमित श्रीवास्तव ने कहा कि युवा संसद का उद्देश्य छात्रों को बेहतर नागरिक बनाना, उन्हें संसदीय परंपराओं से रूबरू कराना, उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करना और बेहतर वक्ता के रूप में तैयार करना है। मुख्य ट्रेनर एबी आचार्य ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से पाच संभागों देहरादून, जम्मू, चंडीगढ़, दिल्ली और गुड़गाव संभाग के 25 केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यो और 25 शिक्षकों और सहायक आयुक्तों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। युवा संसद प्रतियोगिता के दौरान शपथ ग्रहण, प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विधेयक को पास कराने और वाद-विवाद व वोटिंग आदि मुद्दों को शामिल किया जाता है। युवा सासद यह जान पाएंगे कि प्रश्न कैसे पूछे जाते हैं, विधेयक का विषय क्या हो सकता है आदि। सहायक आयुक्त विनोद कुमार ने कहा कि प्रत्येक संभाग से पांच केंद्रीय विद्यालयों को चुना गया है। इस बार देहरादून संभाग से केंद्रीय विद्यालय-1 हाथीबड़कला, केवि अपर कैंप, केवि बनबसा कैंट, केवि ऋषिकेश और केवि रायवाला को चुना गया है। प्रत्येक संभाग से प्रथम आने वाली टीम को जोनल लेवल पर प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिलेगा।

इससे पहले केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वागत गान और उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने वाला समूह गान प्रस्तुत किया। इस दौरान पाच संभागों के सहायक आयुक्त विनोद कुमार, डीआर मीणा, शीलबाला, इंद्रा मुदगल कुमुद श्रीवास्तव के साथ साथ 25 केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य और 25 शिक्षक उपस्थित थे।

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