मलिन बस्तियों पर राजभवन से अध्यादेश मंजूर, नोटिस की कार्रवाई बंद; हटाए गए अतिक्रमण

राजभवन ने उत्तराखंड (नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान) अध्यादेश-2018 को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही बस्तियों के ध्वस्तीकरण के नोटिस की कार्रवाई रोक दी गई।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 27 Jul 2018 12:08 PM (IST) Updated:Fri, 27 Jul 2018 10:02 PM (IST)
मलिन बस्तियों पर राजभवन से अध्यादेश मंजूर, नोटिस की कार्रवाई बंद; हटाए गए अतिक्रमण
मलिन बस्तियों पर राजभवन से अध्यादेश मंजूर, नोटिस की कार्रवाई बंद; हटाए गए अतिक्रमण

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य की मलिन बस्तियों पर मंडरा रहा उजडऩे का खतरा अब तकरीबन टल गया है। राजभवन ने गुरुवार को उत्तराखंड (नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान) अध्यादेश-2018 को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही गेंद अब सरकार के पाले में आ गई है। मलिन बस्तियों को तीन साल के भीतर सुधारा जाएगा, साथ में जरूरत के मुताबिक अन्यत्र भी विस्थापित किया जा सकेगा। वहीं, दून की सड़कों के किनारे अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। वहीं, नगर निगम ने मलिन बस्तियों में अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस भेजने की कार्रवाई को रोक दिया है।  

हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद नगर निकायों के तहत बसी मलिन बस्तियां अतिक्रमण हटाओ अभियान की जद में आ गई थीं। मलिन बस्तियों को बचाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने बीते रोज उक्त अध्यादेश पर मुहर लगाई थी। गुरुवार को राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने ने इस अध्यादेश को मंजूरी देकर सरकार की राह आसान कर दी है।

अतिक्रमण हटाओ अभियान से राज्य की मलिन बस्तियों में निवासरत करीब 15 लाख लोगों के प्रभावित होने का अंदेशा जताया जा रहा था। खासतौर पर ऐसी बस्तियों को जिन्हें विभिन्न कारणों से विस्थापित करना अनिवार्य है, उन्हें अध्यादेश के जरिये कार्रवाई से निजात मिल जाएगी।

अब 11 मार्च, 2016 के बाद बसी मलिन बस्तियों पर तो कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इससे पहले बसी बस्तियों को तीन साल तक राहत रहेगी। यह अलग बात है कि इस अवधि में बस्तियों से संबंधित समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन पर फिर उजाड़े जाने की तलवार लटकना तय है। 

मलिन बस्तियों के लिए लाए जा रहे अध्यादेश में यह प्रावधान भी है कि 11 मार्च, 2016 के बाद सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण अथवा किए गए या निर्माणाधीन अनधिकृत निर्माण कार्रवाई की जद में होंगे। 

मलिन बस्तियों को दिए जा रहे नोटिस पर रोक

दून में अतिक्रमण हटाने के क्रम में अवैध मलिन बस्तियों को नगर निगम की तरफ से दिए जा रहे नोटिस की कार्रवाई बंद कर दी गई। अभी तक निगम लगभग आठ हजार भवनों को नोटिस दे चुका है। राज्य सरकार की ओर से बस्तियों को तीन साल तक तोड़ने से छूट देने का आदेश स्वीकृत करने के बाद निगम ने यह रोक लगाई है। 

वहीं, इसके साथ ही बस्तियों से निगम के हाउस टैक्स वसूली पर लगाई रोक भी हट गई है। अब बस्तीवाले पहले की तरह ही टैक्स जमा कर सकते हैं। 

लंबी कसरत के बाद मलिन बस्तीवासियों को हाउस टैक्स में 45 फीसद की छूट देने के फैसले के साथ अप्रैल से वसूली शुरू की गई थी। बस्तियों में टैक्स के फार्म भी बांटे गए। इसके दायरे में 129 बस्तियों के करीब 40 हजार घर आ रहे थे। इसी दौरान हाईकोर्ट ने नदी किनारे बने अवैध भवन व अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए। 

इन्हें हटाने के लिए तीन माह का समय दिया है, लिहाजा सरकार पहले मुख्य मार्गों से कब्जे हटा रही। बस्तियों के पुनर्वास की तैयारियां चल रहीं, लेकिन लोग विरोध करने लगे हैं कि वे नगर निगम में हाउस टैक्स भर रहे। इसलिए, उनके भवन वैध हैं। चूंकि, टैक्स की तकनीकी अड़चन अतिक्रमण के विरुद्ध चल रही कार्रवाई में आड़े आ सकती थी। 

इसलिए निगम प्रशासन ने फिलहाल अवैध भवनों से टैक्स वसूली बंद कर दी। इसी क्रम में निगम ने करीब 11 हजार अवैध भवन मालिकों को चिह्नित कर भवन को खाली करने का नोटिस भेजा जा रहा था, लेकिन दो दिन पूर्व सरकार ने बस्तियों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी। नगर आयुक्त विजय जोगदंडे ने बताया कि सरकार द्वारा लिए फैसले के क्रम में नोटिस भेजने की कार्रवाई रोक दी गई है। 

विधायकों के समर्थकों में खुशी

सरकार से मलिन बस्तियों पर अध्यादेश लाने के निर्णय के बाद विधायकों के समर्थकों ने जश्न मनाया। इस दौरान अलग-अलग विधानसभाओं में विधायकों की मौजूदगी में आभार सभाएं और रैलियां भी आयोजित की गईं। 

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के समर्थकों ने उनके आवास पर पहुंचकर मिठाईयां बांटी। विधायक ने इसका श्रेय सरकार और साथी विधायकों को दिया। इधर, कैंट विधायक हरबंस कपूर का स्थानीय लोगों ने न्यू पटेलनगर क्षेत्र में रैली निकालकर आभार जताया। इसी तरह, मसूरी विधायक गणेश जोशी के समर्थकों ने भी जश्न मनाया। 

राजपुर और सुभाष रोड पर ध्वस्त किए 117 अतिक्रमण

हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स ने 117 छोटे-बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान शहर के चार जोन में बारिश के बावजूद टीम ने 67 नए अतिक्रमण चिह्नित किए। टास्क फोर्स एक माह के भीतर 5391 अतिक्रमण चिह्नित कर 3004 के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर चुकी है।  

दून में हाईकोर्ट के आदेश पर सड़क, फुटपाथ, नाली और सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण 27 जून हटाने की कार्रवाई चल रही है। इसके लिए चार जोन में टीमें हर दिन कार्रवाई कर चिह्नित अतिक्रमण ध्वस्त कर रही हैं। 

एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल के नेतृत्व में टास्क फोर्स ने दर्शनलाल चौक से लैंसडौन, परेड ग्राउंड के चारों तरफ की सड़क, सुभाष रोड, क्रॉसरोड मॉल तक कार्रवाई की। इस दौरान 41 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। दूसरी टीम ने एसडीएम बृजेश तिवारी के नेतृत्व में देहरादून जू से कुठाल गेट के बीच 74 कच्चे और पक्के अतिक्रमण ढहाए। इसके अलावा शहर के चार जोन में 67 अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए। 

दोहरी कार्रवाई पर लोगों ने किया विरोध 

राजपुर रोड पर एक स्कूल के पास लाल निशान के बावजूद कई अतिक्रमण छोड़ने पर लोगों ने एतराज जताया। इस दौरान लोगों ने एसडीएम कालसी बृजेश तिवारी के सामने दोहरी कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। हालांकि, एसडीएम ने इस मामले में दोबारा लौटने पर कार्रवाई का भरोसा दिया। मगर, लोगों ने कहा कि अगल-बगल में अलग-अलग मानक अपनाना ठीक नहीं है। 

लाल निशान मिटाने लगे लोग 

शहर में चिह्नित अतिक्रमण हटाने में हो रही देरी पर अब लोग लाल निशान मिटाने लगे हैं। राजपुर रोड के कैनाल रोड से दिलाराम बाजार के बीच, पलटन बाजार, प्रेमनगर आदि इलाकों में लगाए गए लाल निशान को लोगों ने मिटाना शुरू कर दिया है। 

राजपुर रोड में कई बड़े होटल, मॉल और दुकानें अतिक्रमण की जद में आए हैं। मगर, सिंचाई विभाग के विवाद के चलते यहां अतिक्रमण हटाने में देरी हो रही है। इसी तरह पलटन और प्रेमनगर बाजार में देरी का फायदा उठाते हुए लोग लाल निशान मिटा रहे हैं।

लोनिवि के जेई और एई पर कार्रवाई की तलवार

हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी आदेश के मद्देनजर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि लोक निर्माण विभाग वर्ष 2001 से अब तक तैनात रहे जेई और एई की सूची उपलब्ध कराएं। जिसे जिम्मेदार इंजीनियरों के कार्यकाल में अतिक्रमण हुए हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकें। इसके अलावा उन्होंने सिंचाई विभाग की जमीनों पर हुए अतिक्रमणों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सत्येंद्र शर्मा और अधीक्षक अभियंता आरसी अग्रवाल को निर्देश दिए कि 2001 से अब तक जो भी सहायक अभियंता और अवर अभियंता नगर निगम सीमा क्षेत्र में तैनात रहे हैं, उनकी खंडवार सूची तैयार की जाए। 

उन्होंने कहा कि 2001 से अब तक हुए अतिक्रमण की सेटेलाइट मैप के माध्यम से स्थिति देखी जाए। जिन जेई और एई के कार्यकाल में अतिक्रमण हुए उनको चिह्नित कर उनकी सूची तैयार की जाए। जिससे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकें।  

आवास विकास की कॉलोनी से हटाएं अतिक्रमण 

अपर मुख्य सचिव ने उत्तरप्रदेश आवास विकास परिषद की नेहरू कॉलोनी, इंदिरानगर व दून विहार कॉलोनी के अतिक्रमण हटाने के निर्देश अवर अभियंता रमेश चंद्र को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनी में जो अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं, उनको शीघ्र ध्वस्त किया जाए। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  

छूटे गए अतिक्रमणों को ध्वस्त कराएं डीएम 

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान जिन अतिक्रमणों पर कार्रवाई नहीं हुई हैं या फिर लोगों ने स्वयं हटाने के लिए समय मांगा है, उन्हें शीघ्र हटाने के निर्देश भी अपर मुख्य सचिव ने दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी डीएम एसए मुरूगेशन को दी गई है। इसके बाद जिलाधिकारी इसकी रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराएं। 

कांग्रेस करेगी सीएम आवास कूच

कांग्रेस ने मलिन बस्तियों के संबंध में लाए गए अध्यादेश पर सख्त आपत्ति जताते हुए सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर 28 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की घोषणा की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि अध्यादेश का मकसद राजनीतिक है। नगर निकाय और फिर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उक्त अध्यादेश लाया गया है। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर मलिन बस्तियों को उजाडऩे पर आमादा है। कांग्रेस की ओर से विरोध मुखर होने के बाद सरकार अध्यादेश लाने को विवश हुई, लेकिन उन्होंने अध्यादेश में तीन साल की अवधि पर सख्त एतराज किया। 

उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ होनी चाहिए। राज्य की पिछली चुनी हुई सरकार ने मलिन बस्तियों के लिए एक्ट बनाया, लेकिन भाजपा सरकार ने इसकी अनदेखी की। हाईकोर्ट में इस मुद्दे को सामने नहीं रखा। 

उन्होंने कहा कि जिन मलिन बस्तियों के विकास में दिक्कत है, उन्हें अन्यत्र विस्थापित किया जाना चाहिए। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर 28 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास कूच करने का निर्णय लिया है। इससे पहले राजीव भवन में प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस नेताओं की बैठक में 28 जुलाई के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। 

इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, विधायक ममता राकेश व फुरकान अहमद, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक राजकुमार, सूर्यकांत धस्माना, प्रभुलाल बहुगुणा, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान मौजूद थे।  

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