राजकीय बालिका निकेतन प्रकरण में जांच के आदेश, तीन दिन में देनी होगी रिपोर्ट

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी राजकीय बालिका निकेतन में बालिका की फंदा लगाकर खुदकुशी करने के तरीके को लेकर संदेह जताया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 06:26 PM (IST) Updated:Thu, 16 May 2019 06:26 PM (IST)
राजकीय बालिका निकेतन प्रकरण में जांच के आदेश, तीन दिन में देनी होगी रिपोर्ट
राजकीय बालिका निकेतन प्रकरण में जांच के आदेश, तीन दिन में देनी होगी रिपोर्ट

देहरादून, जेएनएन। राजकीय बालिका निकेतन में निरीक्षण को पहुंची महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी बालिका की फंदा लगाकर खुदकुशी करने के तरीके को लेकर संदेह जताया है। उन्होंने अपर सचिव महिला कल्याण की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति को तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए। वहीं, उन्होंने बालिका को अस्पताल लेने जाने में हुई देरी पर भी चिंता व्यक्त की और शीघ्र ही बालिका निकेतन में एंबुलेंस की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

गुरुवार दोपहर राज्यमंत्री रेखा आर्य केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन में निरीक्षण को पहुंची। सबसे पहले वह घटना स्थल (बाथरूम) पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधीक्षक, स्टाफ कर्मचारी व बालिकाओं से पूछताछ की और इसके बाद विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। करीब घंटाभर निरीक्षण करने के बाद लौटी रेखा आर्य ने कहा कि बालिका की खुदकुशी की घटना बेहद दुखद है। उन्होंने स्वीकार किया कि बाथरूम के गेट की कुंडी की ऊंचाई कम होने के कारण फंदा लगाकर खुदकुशी करना थोड़ा संदेह उत्पन्न करता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। 

बताया कि विभागीय स्तर पर भी जांच कराई जा रही है। इसमें अपर सचिव महिला कल्याण योगेंद्र यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच में खुदकुशी करने के तरीके व अस्पताल ले जाने में हुई देरी समेत अन्य कारणों का पता लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी मिली है कि बालिका एवं शिशु निकेतन में अभी तक एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं है, यह बेहद गंभीर विषय है। क्योंकि बेहद संवेदनशील गृह होने के बावजूद यहां आपात स्थिति में बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस पर निर्भर होना पड़ता है। इसमें आधा से एक घंटे तक का समय व्यर्थ भी होता है। इसके लिए एक एंबुलेंस व मेडिकल स्टाफ (डे-नाइट शिफ्ट) की भी तैनाती की जाएगी। निरीक्षण के दौरान अपर सचिव योगेंद्र यादव, मुख्य प्रोबेशन अधिकारी मोहित चौधरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट व कई अन्य उपस्थित रहे। 

घटना की थी गलत जानकारी

दरअसल, जब राज्यमंत्री रेखा आर्य निरीक्षण के लिए पहुंच रही थी, तब उन्होंने नारी निकेतन जाने का कार्यक्रम तय किया था। मीडियाकर्मियों को भी यही जानकारी दी गई, लेकिन जब वह मौके पर पहुंचने वाली थी उस समय उन्हें जानकारी मिली कि घटना बालिका निकेतन में हुई है। तब जाकर उनका वाहन बालिका निकेतन की ओर मुड़ा। 

सिटी मजिस्ट्रेट भी कर रहे जांच

रेखा आर्य ने बताया कि विभागीय जांच से अलग सिटी मजिस्ट्रेट भी जांच कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि विभागीय जांच व्यवस्थाओं में कमी व सुधार के लिए है, जबकि मजिस्ट्रेट की जांच में तमाम  बिंदुओं की गहन जांच होनी है। 

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