Move to Jagran APP

बालिका निकेतन में हत्यारोपित किशोरी की मौत, आत्महत्या का अंदेशा

केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन में हत्यारोपित एक नाबालिग किशोरी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। किशोरी को 12 दिन पहले यहां शिफ्ट किया गया था।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 10:52 AM (IST)
बालिका निकेतन में हत्यारोपित किशोरी की मौत, आत्महत्या का अंदेशा
बालिका निकेतन में हत्यारोपित किशोरी की मौत, आत्महत्या का अंदेशा

देहरादून, जेएनएन। केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन में हत्यारोपित एक नाबालिग किशोरी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। किशोरी को 12 दिन पहले यहां शिफ्ट किया गया था। प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या बताया जा रहा है, लेकिन परिस्थितिजन्य सवाल घटना को संदिग्ध बना रहे हैं। मामला सामने आने के बाद बालिका निकेतन में हड़कंप की स्थिति है। 

loksabha election banner

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने देर रात बालिका निकेतन पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। इधर, पुलिस ने चीफ प्रोबेशन व जिला प्रोबेशन अधिकारी से इस सिलसिले में 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है। साथ ही पुलिस ने अपने स्तर से भी मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों से पर्दा उठ पाएगा। फिलहाल किशोरी के शव को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी मीना बिष्ट ने देर शाम साढ़े सात बजे के करीब बताया कि शाम को 14 वर्षीय किशोरी बालिका निकेतन के बाथरूम में गई थी, लेकिन काफी देर बाद बाहर नहीं आई। आवाज लगाने पर भी भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 

इसके बाद बालिका निकेतन की केयरटेकर ने एक अन्य बालिका को पास की दीवार के सहारे बाथरूम की छत और दीवार के बीच के लगे खुले स्थान से भीतर प्रवेश कराया।

भीतर का नजारा देखकर बालिका की चीख निकल गई और इसके बाद दरवाजा भी तोड़ दिया गया। हत्यारोपित किशोरी मूर्छित अवस्था में बाथरूम के दरवाजे के हत्थे से लटक रही थी। उसे तत्काल दून अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

सूचना मिलने पर नेहरू कॉलोनी पुलिस भी दून अस्पताल पहुंच गई और चिकित्सकों से प्रारंभिक जानकारी लेने के बाद किशोरी के शव को कब्जे में ले लिया। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि किशोरी अपनी मां की हत्या की आरोपित है। उसे बीती तीन मई को न्यायालय के आदेश पर नारी निकेतन से बालिका निकेतन शिफ्ट किया गया था। 

अभी तक सामने आए तथ्यों के आधार पर तो खुदकुशी की आशंका अधिक है, लेकिन जांच के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। रिपोर्ट में मौत का कारण पता लगने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

एफएसएल ने जुटाए साक्ष्य

घटना की जानकारी मिलते ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम को भी बालिका निकेतन भेज दिया गया था। जहां किशोरी का शव मिला, उसके आसपास के फिंगर प्रिंट उठाए। बालिका निकेतन के कमरे से उसका सामान भी पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया। 

समय से इलाज मिलता तो बच सकती थी जान

जिस समय किशोरी को बाथरूम से निकाला गया, उस समय उसकी सांसें चल रही थीं। जब तक 108 एंबुलेंस वहां पहुंचती, देर हो चुकी थी। खुद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने भी माना कि समय से बच्ची को अस्पताल पहुंचाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। 

शाम के समय बाल निकेतन में मौजूद सभी बच्चे पढ़ाई कर कर रहे थे। इसी दौरान बाथरूम के बहाने एक किशोरी क्लास से चली गई। काफी देर बाद भी जब वह नहीं लौटी तो अन्य बच्चों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इस दौरान किसी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। 

जांच में सामने आया कि जब बच्ची का बाथरूम से बाहर निकाला गया तो उस समय उसकी सांसें चल रही थीं। इसके बाद 108 एंबुलेंस को कॉल की गई और करीब आधे घंटे बाद सात बजे एंबुलेंस पहुंची। इस बीच अगर बालिका निकेतन में ही बच्ची को प्राथमिक उपचार मिल जाता या उसे तत्काल अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो हो सकता था कि उसकी जान बच जाती। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस बात की पुष्टि की है कि बच्ची को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। 

बालिका निकेतन में एंबुलेंस, न ही डॉक्टर

बालिका निकेतन काफी संवेदनशील है। यहां कई विशेष जरूरतों वाली बच्चियां और किशोरियां रहती हैं। इसके बावजूद यहां न तो एंबुलेंस है और न ही डाक्टर की व्यवस्था। इससे कई बार स्टाफ को भी दिक्कत उठानी पड़ती है। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि उन्होंने बालिका निकेतन को एंबुलेंस और डॉक्टरों की व्यवस्था के लिए पत्र लिखा जा रहा है। 

दरवाजे के हत्थे से लटककर आत्महत्या पर सवाल 

चीफ प्रोबेशन ऑफिसर मोहित और जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने बालिका निकेतन पहुंचने के बाद यही जानकारी साझा की कि किशोरी ने आत्महत्या की है। वहीं, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के हवाले से भी यही बात सामने आई। हालांकि, बड़ा सवाल यह कि क्या किशोरी का मूर्छित अवस्था में बाथरूम के हत्थे से चुन्नी से लटकते मिलने को ही आत्महत्या मान लेना उचित है। क्योंकि दरवाजे का हत्था इतनी ऊंचाई पर होता ही नहीं है कि उस पर लटककर जान चली जाए।

बालिका निकेतन के बाथरूम के दरवाजे पर हत्था करीब ढाई फीट की ऊंचाई पर है। वहीं, किशोरी की लंबाई इससे अधिक है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कैसे वह उस पर लटककर आत्महत्या कर सकती है। इसके बाद भी यह जानकारी ही साझा की गई कि किशोरी मूर्छित अवस्था में गर्दन में बंधी चुन्नी के सहारे लटक रही थी। 

डिप्रेशन में उठाया ऐसा कदम 

जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट के अनुसार, हमारी टीम ने बालिका निकेतन का दौरा किया और सभी पहलुओं पर पूछताछ की। अब तक यही जानकारी सामने आई है कि किशोरी ने आत्महत्या की है। क्योंकि बाथरूम का दरवाजा भीतर से बंद था और किशोरी मूर्छित अवस्था में चुन्नी के सहारे झूुल रही थी। यह बात भी सामने आ रही है कि किशोरी ने डिप्रेशन के चलते ही यह कदम उठाया है।

डिप्रेशन में थी किशोरी तो क्यों नहीं रखी नजर

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि बालिका निकेतन में शिफ्ट होने के बाद से किशोरी डिप्रेशन में थी। बुधवार को वह कुछ अधिक गुमसुम थी और किसी के साथ भी घुलमिल नहीं रही थी। बुधवार को निकेतन में किसी संस्था का एक कार्यक्रम था और यहां रखी गईं सभी बालिकाएं उसमें शामिल हुईं। सिर्फ मृतक किशोरी ने ही इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद भी किसी ने उसकी मनोस्थिति जानने की जरूरत नहीं समझी। 

गुमनामी की जिंदगी जी रही थी किशोरी

मां की हत्या में गिरफ्तार होने के बाद से किशोरी गुमनामी की जिंदगी जी रही थी। आरोप है कि जिस्मफरोशी के दलदल में धकेलने से नाराज होकर किशोरी ने 15 सितंबर 2018 को अपनी मां की हत्या कर दी थी। पुलिस ने 25 सितंबर को उसे गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया था। अदालत ने कई बार उसके पिता को चिट्ठी भेजी, मगर पिता ने भी किशोरी से मिलने से इनकार कर दिया था। 

कनखल की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला की हत्या कर उसकी नाबालिग बेटी फरार हो गई थी। कई दिन बाद मकान से दुर्गंध आने पर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। कनखल थाने की पुलिस और होमिसाइड सेल ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किशोरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में किशोरी ने मां की हत्या कबूल करते हुए बताया था कि उसकी मां और पिता के बीच अक्सर झगड़ा रहता था। 

उसके पिता तीनों बच्चों को लेकर पंजाब जाकर रहने लगे थे। 13 सितंबर 2018 को महिला अपनी बेटी को पढ़ाई कराने के नाम पर हरिद्वार लाई थी। मगर एक व्यक्ति से 30 हजार रुपये लेकर उसे देहव्यापार में उतार दिया। बाद में 40 हजार रुपये लेकर नई जगह भेजा। इस कारण मां के प्रति उसके मन मे नफरत पनप रही थी। उस समय होमिसाइड सेल में तैनात रहे उपनिरीक्षक अनुज सिंह ने हत्या के मामले का पर्दाफाश किया था। 

वर्तमान में जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि किशोरी के पिता को कई बार चिट्टी भेजी गई, पर उसका पिता मिलने नहीं आया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद से ही किशोरी नारी निकेतन में थी। तीन मई को उसे बालिका निकेतन में शिफ्ट किया गया था।

पूर्व में सामने आए मामले 

- 16 दिसंबर 2017 : बालिका निकेतन से पांच बालिकाएं देर रात भाग गईं। जांच में सामने आया कि उस दौरान गेट पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। 

- जून 2018 : स्कूल जाते समय एक बालिका गायब हो गई। जब निकेतन के कर्मी बालिकाओं को लेने स्कूल पहुंचे तो गिनती में पता चला कि एक बालिका कम है।

- सितबर 2018 : कई बालिकाओं में संक्रमण फैला। मामला उजागर होने के बाद बालिकाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था शुरू की गई। 

राज्यपाल भी दिखा चुकीं सख्ती

चार सितंबर 2018 को राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने भी बालिका एवं शिशु निकेतन व नारी निकेतन का निरीक्षण किया था। उन्होंने यहां की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं  सुधार के सख्त निर्देश भी दिए थे। यहां तक कि उन्होंने डीएम व सीएमओ को सीधे नियमित रूप से मासिक रिपोर्ट राजभवन में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए थे।  

मनोज चंद्रन ने सौंपी थी गोपनीय रिपोट

वर्ष 2017 में समाज कल्याण के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव मनोज चंद्रन ने भी बाल आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष योगेन्द्र खंडूरी को गोपनीय रिपोर्ट सौंपी थी। उसमे बालिका निकेतन व शिशु निकेतन में कई घटनाओं को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए थे। कहा था कि शिशु निकेतन में एक शिशु के हाथ पर गर्म पानी पडऩे पर उसका उपचार तक नहीं कराया गया, बल्कि मामला दबा दिया। वहीं, बालिकाओं के भागने के मामले में स्टाफ, रसोइया, सुरक्षाकर्मी की भूमिका भी संदिग्ध बताई थी।

यह भी पढ़ें: बेटा-बेटी ने दी गवाही, मां की हत्या में पिता को उम्रकैद की सजा

यह भी पढ़ें: समर जहां हत्याकांड: समर की मां और कारोबारी के बयान दर्ज

यह भी पढ़ें: समर जहां हत्‍याकांड: शूटर ने रंगदारी में उठाई थी कार

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.