अब पशु चिकित्सकों ने लगाया सरकार पर अनदेखी का आरोप, जानिए वजह

विभिन्न कार्यों में जुटे पशुपालन विभाग के कार्मिकों के तेवर भी तल्ख हो गए हैं। राज्य पशु चिकित्सा सेवा संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने आवश्यक सेवा में शामिल पशुपालन विभाग के कार्मिकों को टीकाकरण में वरीयता और कोरोना से बीमा कवर देने की मांग की है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:02 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:02 PM (IST)
अब पशु चिकित्सकों ने लगाया सरकार पर अनदेखी का आरोप, जानिए वजह
अब पशु चिकित्सकों ने लगाया सरकार पर अनदेखी का आरोप।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना काल में भी विभिन्न कार्यों में जुटे पशुपालन विभाग के कार्मिकों के तेवर भी तल्ख हो गए हैं। राज्य पशु चिकित्सा सेवा संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने आवश्यक सेवा में शामिल पशुपालन विभाग के कार्मिकों को टीकाकरण में वरीयता देने और कोरोना संक्रमण से बीमा कवर देने की मांग की है। 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कैलाश उनियाल ने कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से दी जा रही सेवाओं को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। पशुपालन विभाग के पशुचिकित्साविदों, वेटनरी फार्मेसिस्ट, पशुधन प्रसार अधिकारियों, पशुधन सहायकों एवं स्वच्छकों की ओर से विगत एक वर्ष से निरंतर कोरोना महामारी की अवधि में आपातकालिन पशुचिकित्सा, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान की सेवाएं दी जा रही हैं।

इस अवधि में हमारे अनेकों कार्मिक कोरोना की चपेट में आ गए और अब तक इससे एक पशुचिकित्सक की मृत्यु भी हुई है। विभागीय कार्मिक बिना कोरोना टीकाकरण के ही राष्ट्रीय कार्यक्रम में सेवायें देने को बाध्य हैं। ऐसे में उन्हें टीकाकरण के लिहाज से वरीयता दी जानी चाहिए। साथ कोरोना संक्रमण से मौत पर उचित बीमा राशि का प्रविधान किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि उन्हें कंटेनमेंट जोन व महामारी की आशंकाग्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण न करने की छूट दी जाए। विभाग के कार्मिकों और उनके परिवार का प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र टीकाकरण किया जाए। 

इंजीनियर्स महासंघ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

उतराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रदेश के तमाम अभियंता, फील्ड कर्मियों का टीकाकरण कराने की मांग की है। महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रशांत सेमवाल ने कई विभागों के अभियंता व अन्य कार्मिक, जिनका फील्ड में जाना अनिवार्य है, उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाए। कहा कि ऐसे कार्मिक जनता को सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें खतरा बना हुआ है। ऐसे में सरकार को उनके लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए। 

यह भी पढ़ें- कोरोना के चलते दूसरे साल भी तबादलों पर असर, शिक्षकों में नाराजगी; लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी