नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा-गांवों की तरक्की को नीति में शामिल होगी हेस्को की तकनीक

गांव के परिवेश में पारंपरिक ज्ञान विज्ञान और तकनीकी का समावेश कर हेस्को द्वारा ईजाद की गई तकनीक को गांवों की तरक्की के मद्देनजर नीति में शामिल किया जाएगा। यह बात नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने शुक्रवार को हेस्को में कही।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 12:51 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 12:51 PM (IST)
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा-गांवों की तरक्की को नीति में शामिल होगी हेस्को की तकनीक
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पहुंचे हेस्को।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। गांव के परिवेश में पारंपरिक ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी का समावेश कर हेस्को द्वारा ईजाद की गई तकनीक को गांवों की तरक्की के मद्देनजर नीति में शामिल किया जाएगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने शुक्रवार को देहरादून के शुक्लापुर स्थित हिमालयी पर्यावरण अध्ययन एवं संरक्षण संगठन (हेस्को) के मुख्यालय में वाटर मिल स्टेशन के उद्घाटन और विभिन्न तकनीक का अवलोकन करने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के साथ ही अन्य कार्यों को बढ़ावा देने को हेस्को की तकनीक बेहतर है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा.कुमार शुक्रवार को दोपहर करीब सवा 12 बजे शुक्लापुर स्थित हेस्को मुख्यालय पहुंचे। हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डा.अनिल प्रकाश जोशी ने उनकी अगवानी की। इस मौके पर डा.कुमार का परंपरागत ढंग से ढोल-दमाऊ व रणसिंहा की मधुर स्वरलहरियों के बीच फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। इसके बाद हुई बैठक में डा.जोशी ने हेस्को की स्थापना से लेकर अब तक के सफर पर विस्तार से रोशनी डाली।

डा.जोशी ने कहा कि हेस्को 'लोकल नीड मीट लोकली' और 'इकोलाजी इंक्लूसिव इकोनामी' के नारों पर कार्य करता है, जो आज देश की नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आॢथक उन्नति में गांवों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। अगर देश के समग्र विकास की चिंता करनी है तो विज्ञान और तकनीकी को गांवों तक ले जाना होगा। साथ ही गांवों द्वारा अपनी परिस्थितियों के अनुरूप किए गए प्रयोगों को भी मुख्यधारा में स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने हेस्को तकनीक, कार्यों और आजीविका से संदर्भित विषयों पर भी चर्चा की।

बैठक के पश्चात डा.कुमार और उनके साथ आए अतिथियों ने हेस्को के वाटर रिचार्जिंग मॉडल के साथ ही विभिन्न जल इकाइयों तालाब, जलछिद्र, चेकडैम आदि का भी निरीक्षण किया। फिर उन्होंने हेस्को परिसर में स्थापित किए गए वाटर मिल स्टेशन का उद्घाटन किया। इस स्टेशन में घराट समेत अन्य जल तकनीकी का समावेश किया गया है। उन्होंने घराट, किसान बैंक, फल एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई, लो कास्ट ब्रिज, स्टीम स्टोव, बायोगैस, पायरोलाइजर, वर्मी कंपोस्टिंग, लैंटाना के उत्पाद, रूरल गीजर, सोलर ड्रायर, वाइज बैंक, बच्चों का अखबार और रिबर्थ का भी अवलोकन किया।

इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा.कुमार की पत्नी डा.विनीता, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार (कृषि) नीलम पटेल, शिवम तेवतिया, अरुण गोयल, हेस्को के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. राकेश कुमार, डा. किरन नेगी, डा.संध्या जोशी, डा.सुभाष नौटियाल, डा.सुधा शर्मा, डा.हिमानी जोशी, शिवम जोशी, मनोज जोशी आदि मौजूद थे।

हिमालय दिवस में भागीदारी करे नीति आयोग

हेस्को के संस्थापक डा.जोशी ने आने वाले समय में हिमालय के प्रति भी नीति आयोग की भागीदारी चाही। उन्होंने कहा कि इस बार हिमालय दिवस में नीति आयोग भागीदारी करे, ताकि सभी देश का दृष्टिकोण जुटा पाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हिमालय दिवस के अवसर पर हिमालय को आशीर्वाद देकर हिमालय के प्रति भावनाएं व्यक्त करें। इसका अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमालय को जो दिया जाना चाहिए, उसमें अभी भी कमी है। नीति आयोग और पीएमओ कुछ सोचेंगे तो परिदृश्य बदलेगा। साथ ही तमाम सवालों के समाधान निकलेंगे।

प्लास्टिक कचरे का बेहतर उपयोग

हेस्को के निरीक्षण के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा.कुमार ने प्लास्टिक कचरे से डलिया, डस्टबिन के रूप में उपयोग की तकीनीकी भी लांच की। हेस्को के संरक्षण में मानवाधिकार संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति रानीचौरी ने यह मुहिम शुरू की है। समिति के संजय बहुगुणा और सुषमा बहुगुणा ने इस तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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