उत्तराखंड के इन तीन शहरों में दौड़ेगी नियो ट्रेन, इसी साल से निर्माण शुरू करने की कोशिश

सरकार की कोशिशें परवान चढ़ी तो अब देहरादून ऋषिकेश व हरिद्वार के बीच नियो मेट्रो दौड़ेगी। केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए लांच की गई रबड़ के टायरों पर चलने वाली नियो मेट्रो की परिधि में उत्तराखंड में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना भी आती है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 08:15 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 02:22 PM (IST)
उत्तराखंड के इन तीन शहरों में दौड़ेगी नियो ट्रेन, इसी साल से निर्माण शुरू करने की कोशिश
उत्तराखंड के इन तीन शहरों में दौड़ेगी नियो ट्रेन।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सरकार की कोशिशें परवान चढ़ी तो अब देहरादून, ऋषिकेश व हरिद्वार के बीच नियो मेट्रो दौड़ेगी। केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए लांच की गई रबड़ के टायरों पर चलने वाली तीन कोच की नियो मेट्रो की परिधि में उत्तराखंड में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना भी आती है। अब इसी हिसाब से कदम उठाए जा रहे हैं। शहरी विकास एवं आवास मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में शुक्रवार को विधानसभा में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। कैबिनेट मंत्री भगत ने मेट्रो कारपोरेशन के अधिकारियों को विभिन्न स्तर पर होने वाली औपचारिकताएं तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि इसी साल से परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके।

कैबिनेट मंत्री भगत के अनुसार बैठक में मेट्रो कारपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के कार्यों का मेट्रोपोलिटन एरिया तय किया जा चुका है। विस्तृत आवागमन प्लान तैयार करने के साथ ही डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जा चुकी है। जल्द ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले बोर्ड की बैठक में इसका अनुमोदन किया जाएगा। फिर शासन द्वारा यह डीपीआर केंद्र को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने मध्यम शहरों के लिए नियो मेट्रो रेल का कांसेप्ट अनुमोदित किया है। उत्तराखंड की परियोजना भी इसी परिधि में आती है। 

इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो की निर्माण लागत से 40 फीसद तक कम आती है। साथ ही इसमें स्टेशन परिसर के लिए बड़ी जगह जरूरत नहीं पड़ती।नक्शे पास करने में नहीं होगी दिक्कतशहरी विकास एवं आवास मंत्री ने बताया कि विकास प्राधिकरणों के मामले में सरकार ने फिलहाल वर्ष 2016 से पहले की स्थिति बहाल की है। 2016 के बाद जो क्षेत्र प्राधिकरणों के दायरे में आए हैं, उन्हें प्राधिकरण की परिधि में शामिल करने से स्थगित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि अब भवनों के नक्शे पास करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि नक्शों के मामले में किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र प्राधिकरण में नहीं हैं, वहां नगर निकायों के माध्यम से नक्शे पास होंगे। जरूरत पड़ने पर प्राधिकरणों की मदद भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि विकास प्राधिकरणों आ रही जटिलताओं को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय समिति की 16 अप्रैल को बैठक होगी।

सड़कें दुरुस्त करने के निर्देश

कैबिनेट मंत्री भगत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने डीएम देहरादून व सीईओ स्मार्ट सिटी को निर्देश दिए कि शहर में जहां भी विभिन्न कार्यों के लिए सड़कों की खोदाई की जा रही है, वहां काम पूरा होते ही इन्हें ठीक करा दिया जाए। कैबिनेट मंत्री ने बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिए कि जिन नगर निकायों में हाईटेक शौचालय, वेंडिंग जोन, रैन बसेरा, सार्वजनिक पार्किंग, श्वान बंध्याकरण आदि की जरूरत हो, उनसे प्रस्ताव प्राप्त कर लिए जाएं। 

प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि इस कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने आवासीय योजनाओं के अलावा सौंदर्यीकरण, गरीबों के लिए वहनीय आवास प्रोजेक्ट, पेयजल, सीवरेज, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, जल जीवन मिशन, वेंडर जोन आदि से संबंधित योजनाओं में कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के साथ ही नए प्रस्ताव व डीपीआर निर्माण में तेजी को भी कहा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों के समन्वय से विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने पर भी जोर दिया।

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