मसूरी विधायक भी उतरे विरोध में, नहीं थमा अतिक्रमण अभियान

शहर में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। क्षेत्रवार प्रशासन की टीमें अतिक्रमण पर जेसीबी चला रही हैं। हालांकि इस बीच विरोध और हंगामे से भी उन्हें दो-चार होना पड़ रहा है। डीएल रोड पर चले अभियान के दौरान भी यह देखने को मिला।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 03:05 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 03:05 PM (IST)
मसूरी विधायक भी उतरे विरोध में, नहीं थमा अतिक्रमण अभियान
एसडीएम मनीष कुमार से वार्ता करते मसूरी विधायक गणेश जोशी व पार्षद योगेश घाघट व बस्ती के लोग।

देहरादून, जेएनएन। शहर में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। क्षेत्रवार प्रशासन की टीमें अतिक्रमण पर जेसीबी चला रही हैं। हालांकि, इस बीच विरोध और हंगामे से भी उन्हें दो-चार होना पड़ रहा है। डीएल रोड पर चले अभियान के दौरान भी यह देखने को मिला। यहां अंबेडकरनगर क्षेत्र में स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा काटा। जिसके चलते करीब डेढ़ घंटा कार्रवाई पूरी तरह ठप रही। हालांकि, अंतत: टीम अतिक्रमण पर कार्रवाई पूरी कर ही यहां से लौटी। मसूरी विधायक ने भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का विरोध किया।

शुक्रवार को पूरे लाव लश्कर के साथ प्रसाशन की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने डीएल रोड पहुंची। यहां डीएवी रोड के पास से कार्रवाई शुरू की गई। हल्के विरोध के बीच कार्रवाई आगे बढ़ती रही और पूर्व में चिह्नित अतिक्रमण ढहाया जाता रहा। इसी क्रम में टीम जब डीएल रोड के अंतिम हिस्से में पहुंची तो यहां भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मलिन बस्ती होने दावा कर रहे जनप्रतिनिधयों ने अधिकारियों को यहां कार्रवाई का अधिकार न होने की बात कही। सबसे पहले आर्यनगर के पार्षद योगेश घाघट क्षेत्रवासियों के साथ मौके पर पहुंचे और जेसीबी के आगे बैठ गए। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हेंं वहां से खदेड़ा।

इस दौरान धक्का-मुक्की की नौबत भी आई। विरोध कर रहे क्षेत्रवासियों को हटाने के बाद कार्रवाई की गई। तभी मसूरी विधायक गणेश जोशी पहुंच गए। विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कार्रवाई पर सवाल उठाए। विधायक ने कहा कि आर्यनगर और अंबेडकरनगर क्षेत्र मलिन बस्ती के रूप में चिह्नित हैं। जहां अभी कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा की जा रही है। विधायक जोशी ने मौके से ही तमाम उच्चाधिकारियों को फोन घुमाए और कार्रवाई रोकने को कहा।

वहीं, एसडीएम कालसी संगीता कन्नौजिया ने उन्हें बताया कि उन्हें प्राप्त आदेशों के क्रम में सड़कों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में भी दो साल पूर्व ही लाल निशान लगाए गए थे। अब चिह्नित अतिक्रमण तोड़ा जा रहा है। काफी देर बातचीत के बाद विधायक मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग की बात कहकर वहां से रवाना हो गए। इसके बाद आर्यनगर के पार्षद योगेश घाघट और डीएल रोड की पार्षद देविका रानी क्षेत्रवासियों के साथ अधिकारियों को घेरकर खड़े रहे।

वे इस बात पर अड़े रहे कि क्षेत्र में की जा रही कार्रवाई अवैध है। इसके बाद प्रशासन की टीम ने नगर निगम से अतिक्रमण की सूची और नक्शा मंगाकर स्थिति स्पष्ट की। करीब डेढ़ घंटे के हंगामे के बाद दोबारा कार्रवाई शुरू की जा सकी। इसमें पार्षदों की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया कि क्षेत्रवासी स्वयं अतिक्रमण का हिस्सा ध्यवस्त कर देंगे। पूरे अधियान के दौरान कई बुजुर्ग क्षेत्रवासी अधिकारियों से कार्रवाई न करने की गुहार लगाते रहे तो कई उन्हें खरी-खोटी सुनाते रहे।

दो रेस्तरां व एक दुकान सील

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए दो रेस्तरां व एक दुकान को सील कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को 12 निर्माण सील किए गए थे। एमडीडीए उपाध्यक्ष रणवीर सिंह चौहान के मुताबिक, हरिद्वार बाईपास रोड पर गौतम वेजिटेरियन रौतेला रेस्तरां को सील किया गया है। वहीं, रियाज जनरल स्टोर नाम की दुकान भी सील की गई। अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। जल्द कुछ और निर्माण सील किए जाएंगे।

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प्रेमनगर के कारोबारियों का स्टे मिलने का दावा

प्रेमनगर के व्यापारियों के हाईकोर्ट का रुख करने के चलते ही यहां अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई पर अघोषित विराम लगा दिया गया था। अब यह बात सामने आ रही है कि व्यापारियों को कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। व्यापारी शुक्रवार दिनभर यह प्रचार करते रहे कि उन्हें स्टे मिल गया है। हालांकि, अभी तक कोर्ट का कोई आदेश सामने नहीं रखा गया। यह भी कहा जा रहा है कि स्टे सिर्फ एक व्यापारी को मिला है, जबकि राहत 70 से अधिक व्यक्तियों को मिलने की कही जा रही है। इस मामले में नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि उन्हें कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलने के बाद ही वह कुछ टिप्पणी कर सकेंगे।

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