जारी रहे एमएसएमई इकाइयों की सब्सिडी

प्रदेशभर की सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमिता संस्थान (एमएसएमई) इकाइयों की समस्याओं को इंस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव के समक्ष उठाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Feb 2019 03:01 AM (IST) Updated:Thu, 07 Feb 2019 03:01 AM (IST)
जारी रहे एमएसएमई इकाइयों की सब्सिडी
जारी रहे एमएसएमई इकाइयों की सब्सिडी

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेशभर की सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमिता संस्थान (एमएसएमई) इकाइयों की एक साल से बंद पड़ी सब्सिडी का मामला उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार के समक्ष उठाया। कहा कि वर्तमान समय में एमएसएमई इकाइयां मंदी के दौर से गुजर रही हैं, यदि ऐसे समय में उन्हें सब्सिडी प्राप्त होती है तो यह बड़ा सहयोग होगा। एसोसिएशन की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

बुधवार को सचिवालय में मनीषा पंवार के साथ हुई बैठक में उद्योगपतियों ने बताया कि प्रदेश में 55 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें 1800 करोड़ रुपये का निवेश व 2.83 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है, ऐसे में इस ओर शासन को गंभीरता दिखानी चाहिए। राज्य में एमएसएमई इकाइयों को हिल पॉलिसी के तहत कई तरह की सब्सिडी दी जाती रही है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, बिजली बिल एवं ब्याज पर दी जाने वाली सब्सिडी एक साल से पात्र इकाइयों को नहीं मिल रही है। जिससे उद्योगपतियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इसके अलावा उद्योगपतियों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट में एमएसएमई नीति में कार्यशील पूंजी पर ब्याज की सब्सिडी में कटौती का प्रस्ताव पास करने पर पहले से स्थापित इकाइयों में भारी रोष है। इससे नए निवेश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बैठक में उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मारवाह, महासचिव पवन अग्रवाल, संरक्षक महेश शर्मा, उपाध्यक्ष सुनील उनियाल, कोषाध्यक्ष अंकुर सिंघल के अलावा सदस्य पंकज गुप्ता, जेपी गर्ग आदि उपस्थित रहे। कोटद्वार में मशरूम उद्योग को बचाए सरकार

उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव मनीषा पंवार को बताया कि कोटद्वार स्थित सिडकुल ग्रोथ सेंटर सिगड्डी में मशरूम उत्पादन करने वाली श्रीराम इंडस्ट्रीज को कुछ स्थानीय व असमाजिक तत्व धमका रहे हैं और नाजायज तरीके से पैसे की मांग कर रहे हैं। कंपनी पर निराधार आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जबकि कंपनी में 20 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और करीब 200 स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कंपनी केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप ही कार्य कर रही है। मामले की जांच डीएम पौड़ी के माध्यम से करवाई जाए। सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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'उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन ने एमएसएमई सेक्टर की इकाइयों की रूकी हुई सब्सिडी एवं कोटद्वार स्थित एक मशरूम इकाइ का मामला बैठक में उठाया। दोनों मामलों को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा और उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।'

-मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव, उद्योग

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