ग्रोथ सेंटर योजना को एमएसएमई नोडल विभाग
निरंतर हो रहे पलायन को थामने के मद्देनजर न्याय पंचायत स्तर पर स्थापित होने वाले ग्रोथ सेंटर अब जल्द आकार ले सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
निरंतर हो रहे पलायन को थामने के मद्देनजर न्याय पंचायत स्तर पर स्थापित होने वाले ग्रोथ सेंटर अब जल्द आकार ले सकेंगे। ग्रोथ सेंटर योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। योजना के संचालन के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) को नोडल विभाग बनाया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती मिलने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
ग्रोथ सेंटर योजना के लिए जारी दिशा- निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उत्पाद उपलब्ध होते हुए भी इनके व्यवसायिक उत्पादन, गुणवत्ता का मानकीकरण व विपणन की संगठित व्यवस्था वृहद स्तर पर नहीं बन पाई है। ग्रोथ सेंटर में इन उत्पादों के स्थानीय स्तर पर मूल्य संवर्द्धन व प्रसंस्करण के जरिये बेहतर आय के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। यही नहीं, विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं समन्वित रूप से संचालन व अनुश्रवण से भी बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
ये हैं दिशा-निर्देश
-योजना में आवश्यकतानुसार विभाग निजी निवेश व निवेशक को कर सकते हैं आमंत्रित
-राज्य व केंद्र की योजनाओं में देय उपादान निश्चित मद एक ही स्रोत से लेने की व्यवस्था
-ब्याज उपादन में पांच फीसद और अधिकतम 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति
-एसजीएसटी में 50 फीसद और अधिकतम 20 लाख प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति
-महिला स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन, कृषक सहकारी संगठन भी योजना के पात्र
-ग्रोथ सेंटर का चिन्हांकन करने के बाद उच्च स्तरीय समिति से लेना होगा अनुमोदन
-योजना की थर्ड पॉर्टी मॉनीट¨रग की होगी व्यवस्था
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राज्य स्तरीय समिति होगी गठित
ग्रोथ सेंटर योजना के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। मुख्य सचिव के अलावा वित्त, नियोजन, आयुष, आइटी, कृषि, उद्यान, पर्यटन, पशुपालन व सहकारिता सचिव होंगे इसके सदस्य। यही नहीं, जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में अग्रणी बैंक अधिकारी, सीडीओ और कृषि, उद्यान, पर्यटन व उद्योग के अधिकारी सदस्य होंगे।