उत्तराखंड में अब मेक माई ट्रिप से करें होम स्टे की बुकिंग

पर्यटक पर्यटन विभाग केएमवीएन व जीएमवीएन के साथ ही प्रमुख व्यवसायिक वेबसाइट मेक माई ट्रिप (एमएमटी) के जरिये भी होम स्टे की बुकिंग करा सकेंगे।

By Edited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 09:57 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 03:53 PM (IST)
उत्तराखंड में अब मेक माई ट्रिप से करें होम स्टे की बुकिंग
उत्तराखंड में अब मेक माई ट्रिप से करें होम स्टे की बुकिंग

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्यटन के जरिये ग्रामीण आर्थिकी को संवारने के मकसद से शुरू की गई होम स्टे योजना को बढ़ावा देने में अब मार्केटिंग की कोई दिक्कत नहीं होगी। पर्यटक, पर्यटन विभाग, केएमवीएन व जीएमवीएन के साथ ही प्रमुख व्यवसायिक वेबसाइट मेक माई ट्रिप (एमएमटी) के जरिये भी होम स्टे की बुकिंग करा सकेंगे। इस सिलसिले में बुधवार को सचिवालय के मीडिया सेंटर में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर की मौजूदगी में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीपी) के संयुक्त निदेशक विवेक सिंह चौहान और एमएमटी के उपाध्यक्ष रविप्रकाश ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि राज्य में पांच हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य है। अब तक 2100 होम स्टे के पंजीकरण हो चुके हैं। शुरुआत में बैंकों से ऋण को लेकर कुछ दिक्कतें थीं, जिन्हें अब दूर करा लिया गया है। होम स्टे स्वामियों को कई रियायतें देने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

सचिव जावलकर ने कहा कि एक एजेंसी तय की गई है, जो होम स्टे का सत्यापन करेगी। इसके लिए अगले माह से सर्वे प्रारंभ किया जाएगा। मार्केटिंग को पर्यटन विभाग, केएमवीएन, जीएमवीएन की वेबसाइट पर होम स्टे संचालकों के नंबर दिए गए हैं। इनके जरिये होम स्टे की बुकिंग कराई जा सकती है।

अब एमएमटी के जरिये होम स्टे संचालकों को बड़ा व्यवसायिक प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। एमएमटी में यहां स्थित होम स्टे प्रदर्शित किए जाने से अधिक बुकिंग मिलेगी और ज्यादा आमदनी भी होगी। उन्होंने बताया कि एमएमटी व यूटीडीपी के मध्य एमओयू का मकसद पर्यटकों को यहां के होम स्टे से जोड़कर राज्य की समृद्ध विरासत से परिचित कराना है। भविष्य में अन्य वेब प्लेटफार्मों से भी एमओयू किए जा सकते हैं। होम स्टे संचालक वेबसाइट पर पंजीकरण को स्वतंत्र रहेंगे।

गंगोत्री में पुरानी बसावटें होंगी विकसित

सचिव पर्यटन ने कहा कि जिस क्षेत्र में छह होम स्टे होंगे, उसे क्लस्टर माना जाएगा। वहां आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के कार्य भी होंगे। गंगोत्री में काफी संख्या में पुरानी बसावटें हैं। इन्हें क्लस्टर के रूप में विकसित करने की योजना है।

होम स्टे में तब्दील नहीं होंगे स्कूल भवन

उन्होंने कहा कि बंद पड़े स्कूल भवनों को होम स्टे के रूप में विकसित नहीं किया जा सकता। अलबत्ता, जैसा प्रयोग पौड़ी जिले में हुआ है, उस तरह से इन भवनों का उपयोग हो सकता है।

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एमओयू के मुख्य बिंदु मेक माई ट्रिप की वेबसाइट पर 12 लाख पर्यटकों तक होम स्टे की पहुंच रजिस्टर्ड होम स्टे होंगे प्रदर्शित, उपलब्ध होगी पूरी जानकारी मेक माई ट्रिप अन्य सोशल साइट में भी करेगा प्रचार पहले तीन वर्ष के लिए न्यूनतम रखा जाएगा कमीशन हॉस्पिटेलिटी समेत अन्य बिंदुओं पर कौशल विकास का प्रशिक्षण

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