उत्‍तराखंड के 170 से ज्यादा मदरसों के मान्यता दस्तावेज गायब

मदरसा बोर्ड में पंजीकृत 170 से ज्यादा मदरसों की मान्यता के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में इन मदरसों की वैधता पर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 03:01 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 03:20 PM (IST)
उत्‍तराखंड के 170 से ज्यादा मदरसों के मान्यता दस्तावेज गायब
उत्‍तराखंड के 170 से ज्यादा मदरसों के मान्यता दस्तावेज गायब

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के मदरसा बोर्ड में पंजीकृत 170 से ज्यादा मदरसों की मान्यता के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में इन मदरसों की वैधता पर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं। यह खुलासा मदरसा बोर्ड की जांच रिपोर्ट में हुआ है। इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने कहा कि इन मदरसों की जांच कराई जाएगी।ऊधमसिंहनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की ओर से उत्तराखंड मदरसा बोर्ड को कुछ मदरसों की मान्यता की जांच कराने के लिए पत्र भेजा गया था। इसके बाद अगस्त 2018 से मदरसा बोर्ड ने प्रदेशभर के कुल 297 मान्यता प्राप्त मदरसों की मान्यता की जांच शुरू की थी, जिसमें 170 से अधिक मदरसों के मान्यता संबंधी दस्तावेज ही नहीं मिले हैं। इनमें सभी उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जो वर्ष 2012 में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड बनने के बाद यहां पंजीकृत हो गए थे।

मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार अहमद अखलाक अंसारी ने बताया कि बोर्ड की टीम ने उप्र मदरसा बोर्ड से उत्तराखंड के मदरसों की मान्यता के दस्तावेज मांगे थे। लेकिन, उप्र मदरसा बोर्ड ने किसी भी मदरसा की मान्यता दस्तावेज होने से इन्कार किया है। इसके बाद टीम के सदस्य भी उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड गए, लेकिन उन्हें भी कोई दस्तावेज नहीं मिल सका। मदरसा बोर्ड का यह है तर्क मदरसा बोर्ड का तर्क यह है कि उप्र मदरसा बोर्ड का गठन न होने तक मदरसों के दस्तावेज शिक्षा विभाग के पास रहते थे।

उप्र मदरसा बोर्ड का कहना है कि उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा कोई दस्तावेज नहीं दिए गए। मुझे चार्ज लिए कम दिन हुए हैं, इसलिए अभी इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है। इस संबंध में मदरसा बोर्ड के अधिकारियों की विस्तृत जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी। धीरेंद्र सिंह दताल, निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण।

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