जिलों में तय रेट के मुताबिक जमा होगी रॉयल्टी

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में होने वाले कार्याें में प्रयुक्त निर्माण सामग्री (रेत-बजरी) की रॉयल्टी जिलों में तय रेट के अनुसार ही जमा होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 09:20 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:13 AM (IST)
जिलों में तय रेट के मुताबिक जमा होगी रॉयल्टी
जिलों में तय रेट के मुताबिक जमा होगी रॉयल्टी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में होने वाले कार्याें में प्रयुक्त निर्माण सामग्री (रेत-बजरी) की रॉयल्टी जिलों में तय रेट के अनुसार ही जमा होगी। मनरेगा के राज्य नोडल अधिकारी ने इस संबंध में सभी जिलों के अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक और मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है। इसमें साफ किया गया है कि जिलों में रॉयल्टी दरों का निर्धारण जिला स्तर पर अपनाई जा रही प्रक्रिया के तहत होता है।

दरअसल, उत्तरकाशी जिले में मनरेगा के तहत होने वाले कार्याें की निर्माण सामग्री की रॉयल्टी को लेकर विरोध के सुर उठ रहे थे। वहां ये मांग उठ रही थी कि रॉयल्टी की दर 154 रुपये की बजाए 110.11 रुपये प्रति कुंतल ली जाए। कुछ अन्य जिलों से भी रॉयल्टी की दरों में भिन्नता की बात सामने आ रही थी।

इस सबको देखते हुए राज्य नोडल अधिकारी (सिक्योर, टाइम मोशन स्टडी) आरएस बिष्ट की ओर से सभी जिलों को भेजे गए पत्र में साफ किया गया है कि मनरेगा में किसी भी प्रकार की सामग्री की दरों का प्रविधान लोनिवि, उद्यान, वन एवं कृषि विभाग द्वारा जारी दरों के अनुसार किया जाता है। रेत-बजरी की रॉयल्टी की दरें भी इसी के अनुरूप प्रयोग में लाई जाती हैं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि उपखनिज की रॉयल्टी की दरों का निर्धारण जिलों में जिला स्तर पर ही किया जाता है। ऐसे में जिलों में लागू दरों को ही आधार मानते हुए रॉयल्टी जमा होनी है। इसमें लोनिवि द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया को आधार मानकर निर्णय लेते हुए कदम उठाए जाने चाहिए।

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