संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा- उत्तराखंड में महंगाई अन्य राज्यों से कम

संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड में महंगाई दर अन्य राज्य की तुलना में कम है। हालांकि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सस्ता खाद्यान्न भी प्रदेशवासियों को उपलब्ध करा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:34 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 07:34 AM (IST)
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा- उत्तराखंड में महंगाई अन्य राज्यों से कम
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड में महंगाई दर अन्य राज्य की तुलना में कम है। हालांकि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सस्ता खाद्यान्न भी प्रदेशवासियों को उपलब्ध करा रही है।

बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री कौशिक ने कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों का निर्धारण प्रतिदिन के आधार पर पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा मात्र वैट लिया जाता है। उत्तराखंड में पेट्रोल की कीमत 89.71 रुपये तथा डीजल की कीमत डीजल 81.97 रुपये है। पंजाब में पेट्रोल 90.21 रुपये और मुंबई में 97.57 रुपये है। जयपुर में पेट्रोल 97.72 रुपये तथा डीजल 89.98 रुपये है। उन्होंने बताया कि खाद्य तेल के दाम उत्तराखंड में अन्य राज्यों से अधिक नहीं हैं। देहरादून में सरसों का तेल 122 रुपये तथा वनस्पति घी 112 रुपये प्रति किलोग्राम है। लुधियाना में सरसों का तेल 145 रुपये तथा वनस्पति घी 119 रुपये प्रति किलोग्राम है। देहरादून में प्याज 49 रुपये प्रति किलो जबकि लुधियाना में 50 रुपये, मुंबई में 62 रुपये तथा कोलकाता में 67 रुपये है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के अंतर्गत राज्य में 4,04,713 निश्शुल्क गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महंगाई कम करने के लिए आवश्यक अनुसूचित वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं मूल्य निर्धारण तथा किसानों को मूल्य समर्थन योजना का लाभ देने को आवश्यक कदम उठाए गए हैं। अंत्योदय अन्न योजना के तहत 1.80 लाख कार्ड धारक हैं। प्रतिमाह एक राशन कार्ड पर 35 किलोग्राम राशन दिया जाता है। इसमें दो रुपये प्रतिकिलो की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल उपलब्ध कराया जाता है।

प्रदेश में 11.67 लाख बीपीएल कार्ड धारक हैं। इन्हेंं प्रति यूनिट पांच किलो राशन उपलब्ध कराया जाता है। इसमें दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से गेहूं और तीन रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से चावल दिया जाता है। राज्य खाद्य योजना के तहत लगभग 10 लाख राशन कार्ड धारकों को प्रति राशन कार्ड 7.50 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है। कोविड-19 के दृष्टिगत लाकडाउन की अवधि में राज्य खाद्य योजना के लगभग 10 लाख परिवारों को महंगाई से राहत देने के उद्देश्य से 12.50 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति राशन कार्ड माह अप्रैल 2020 से जून 2020 तक अतिरिक्त रूप से वितरित किया गया।

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