देहरादून में अंधड़ से गिरा फ्लैक्स, बाल-बाल बचे वन मंत्री और महापौर

शहर के मुख्य हिस्से में आए अंधड़ ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। अंधड़ के दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत व महापौर सुनील उनियाल गामा चोटिल होने से बाल-बाल बच गए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 01 Jul 2019 09:22 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2019 09:22 AM (IST)
देहरादून में अंधड़ से गिरा फ्लैक्स, बाल-बाल बचे वन मंत्री और महापौर
देहरादून में अंधड़ से गिरा फ्लैक्स, बाल-बाल बचे वन मंत्री और महापौर

देहरादून, जेएनएन। सूर्य की तपिश में झुलस रहे दूनवासियों के रविवार का मजा दोपहर एक बजे आए लगभग 20 मिनट के आंधी-तूफान ने छीन लिया। शहर के मुख्य हिस्से में करीब 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान व अंधड़ ने शहर की रफ्तार रोककर जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। अंधड़ के दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत व महापौर सुनील उनियाल गामा चोटिल होने से बाल-बाल बच गए। घटना के वक्त दोनों डोईवाला में हिल्ट्रान संस्थान के सहयोग से उत्तराखंड भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मंच पर बैठे थे। तभी तेज आंधी चली व मंच के पीछे लगा बड़ा फ्लैक्स मंच पर आ गिरा। मंत्री व महापौर उसके नीचे फंस गए।

सुरक्षाकर्मियों व आयोजकों ने फ्लैक्स हटा दोनों को सुरक्षित निकाला। उधर, शहर में कईं जगह बिजली के पोल और तारें टूटकर सड़कों पर गिर पड़े। इस कारण बिजली व पानी की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। मुख्य सड़कों पर होर्डिग ने जमकर कोहराम मचाया। बेतहाशा संख्या में लगे होर्डिगों की बल्लियां उखड़ गईं और कोई होर्डिग चलती कार पर गिरा तो कोई दीवार पर। कई जगह सरकारी सूचना वाले बड़े बोर्ड टूटकर रास्ते से गुजर रहे वाहनों पर गिर पड़े। तूफान को देखते हुए परेड ग्राउंड, सहस्नधारा व माजरा सब स्टेशन से पूरे शहर की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। कई क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर के जंफर उड़ गए। बिजली न होने से शहर की पेयजल आपूर्ति भी ठप हो गई।

पखवाड़ेभर में दूसरी बार आए अंधड़ ने स्मार्ट शहर की ‘स्मार्ट’ ऊर्जा व्यवस्था एवं जल संस्थान के दावों की पोल खोलकर रख दी। अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नहीं थे और लोगों की सुविधा को बनाए ऊर्जा निगम एवं जल संस्थान के कंट्रोल रूम पूरी तरह ‘शोपीस’ बने रहे। ऋषिकेश, डोईवाला, पछवादून में भी अंधड़ ने काफी नुकसान पहुंचाया और जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। हालांकि, तूफान के बाद बारिश से गर्मी में कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन जगह-जगह जलभराव ने स्थिति बदतर कर दी।

रविवार को सुबह से तेज धूप निकली हुई थी और इसकी तपिश से सड़कों से गुजरना मुश्किल हो रहा था। इसी बीच दोपहर सवा एक बजे तेज गति से हवा चलने लगी और अंधड़ आ गया। सड़कों पर धूल का गुबार छा गया। अंधड़ से मोहिनी रोड, देहराखास, नेशविला रोड, बंजारावाला, शास्त्रीनगर और दीपनगर समेत पथरीबाग, क्लेमनटाउन, रिंग रोड, चकराता रोड, कौलागढ़ व सहस्रधारा रोड समेत करीब दो दर्जन जगह पर बिजली के पोल गिर पड़े व तारें टूटने से बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। जगह-जगह पेड़ सड़क पर आ गिरे। जिनसे कारें और अन्य वाहनों को काफी नुकसान हुआ।

टहनियां गिरने से कई जगह पर दुपहिया सवार घायल भी हो गए। बिजली गुल होने से पानी की आपूर्ति भी बंद हो गई। मौसम विभाग ने अंधड़ की गति 65 किमी प्रति घंटे की बताई है। भारी अंधड़ से जगह-जगह घरों और दुकानों की टीन-शेड़ उड़ गई। खिड़कियों व रोशनदानों के शीशे चटक गए तो कई जगह सड़क पर गाड़ियां आपस में टकरा भी गईं। सड़कों पर पैदल चल रहे लोग सुरक्षित स्थानों पर रुक गए। करीब 20 मिनट चले अंधड़ की गति पर बारिश ने ब्रेक लगाया। तेज बरसात की वजह से गर्मी से कुछ राहत तो मिली, मगर जगह-जगह जलभराव होने से ये राहत चंद ही देर बाद मुसीबत में बदल गई।

शहर के प्रिंस चौक समेत तहसील, राजा रोड, त्यागी रोड, कांवली रोड, आइएसबीटी, सहारनपुर रोड, टर्नर रोड, बंजारावाला और प्रीतम रोड आदि जगह पर जलभराव होने से नालियों का गंदा पानी घरों व दुकानों में घुस गया। आराघर में दुकानों में तीन से चार फीट तक गंदा पानी भर गया। लोग रात तक घरों और दुकानों से पानी बाहर निकलाने में लगे रहे।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्र ने बताया कि अंधड़ आने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। कई जगह लाइनों पर टहनियां गिरने की सूचनाएं मिली हैं। सभी एसडीओ, एई और जेई को फील्ड में भेज दिया गया है। तूफान से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। बड़े हिस्से में विद्युत आपूर्ति शाम करीब पांच बजे तक सुचारू कर दी गई और जहां नहीं हुई है वहां जल्द विद्युत आपूर्ति सुचारू करने की कोशिश की जा रही है।

सीएम के हेलीकॉप्टर की आपात लैडिंग

खराब मौसम ने रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हेलीकॉप्टर की उड़ान रोक दी। पौड़ी से लौटते वक्त दून का मौसम खराब होने पर मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर को जौलीग्रांट में इमरजेंसी लैडिंग करानी पड़ी। यहां से मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से दून पहुंचे।

रविवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का हेलीकाप्टर पौड़ी से 12:40 बजे देहरादून के लिए रवाना हुआ। हेलीकाप्टर को 1:10 बजे जीटीसी में उतरना करना था। मगर, जौलीग्रांट से आगे आते ही मौसम ने हेलीकाप्टर की उड़ान रोक दी। पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए हेलीकाप्टर को वापस मोड़ जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग कराई। इसकी सूचना जैसे ही शासन-प्रशासन को मिली, हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दून से मुख्यमंत्री के लिए फ्लीट रवाना की गई। करीब आधे घंटे बाद मुख्यमंत्री को यहां इंतजार करना पड़ा। इसके बाद फ्लीट से मुख्यमंत्री का काफिला देहरादून के लिए चला। मुख्यमंत्री के साथ हेलीकाप्टर में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धनसिंह रावत भी थे। जौलीग्रांट के चौकी इंचार्ज महावीर सिंह रावत ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर जौलीग्रांट में उतरा था। समय पर फ्लीट आने के बाद काफिला दून को रवाना हो गया।

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