मेट्रो के बाद अब सीएम के विदेश दौरे पर भी असमंजस, पढ़िए पूरी खबर

एलआरटीएस पर लंबी-चौड़ी कसरत के बाद अब विराम दिख रहा है। सीएम के विदेश दौरे को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई।

By Edited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 11 Sep 2019 02:43 PM (IST)
मेट्रो के बाद अब सीएम के विदेश दौरे पर भी असमंजस, पढ़िए पूरी खबर
मेट्रो के बाद अब सीएम के विदेश दौरे पर भी असमंजस, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। मेट्रो आधारित लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएस) पर लंबी-चौड़ी कसरत और भरी-भरकम राशि खर्च करने के बाद लगभग विराम चुका है। इसी बीच दून समेत समस्त मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के लिए पीआरटीएस (पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) और रोप-वे आधारित प्रणाली पर भी विचार शुरू किया गया और यह भी तय किया गया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वयं दुबई और यूरोपीय देशों में दून के लिए उपयुक्त प्रणाली की परख करेंगे। हालांकि, तब से लेकर अब तक दो बार भ्रमण कार्यक्रम आगे बढ़ चुका है और अब भी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। 
मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बाद शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय दल विदेश भ्रमण कर चुका है। दोनों स्तर पर रिपोर्ट संस्तुति के साथ शासन को भी भेजी जा चुकी है। पूर्व के दौरों के बाद भी एलआरटीएस पर निर्णय न लिए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का दौरा निर्णायक साबित होगा। मगर, जिस तरह यह कार्यक्रम निरंतर अनिश्चितताओं से घिर रहा है, उसे देखते हुए दून में आधुनिकतम सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का भविष्य असमंजस में नजर आता है। 
इसलिए अहम माना जा रहा सीएम का दौरा 
मुख्यमंत्री के दौरे को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि तमाम देशों में परिवहन प्रणाली का गूढ़ अवलोकन इसमें शामिल है। इस दौरे में यह देखा जाना है कि विदेश में परिवहन के जो विकल्प अपनाए जा रहे हैं, उस पर कितनी लागत आई, रोजाना उसमें कितने लोग सफर कर रहे हैं और संचालक एजेंसी को कितनी आय प्राप्त हो रही है। 
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को मिले बजट और खर्च की स्थिति 
-वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्राप्ति, 05 करोड़ रुपये। 
-वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्राप्ति, 05 करोड़ रुपये। 
-अब तक खर्च राशि, 6.34 करोड़ रुपये। 
खर्च की राशि का विवरण 
-वेतन पर व्यय, 2.37 करोड़ रुपये। 
-मेट्रो रेल/एलआरटीएस की कवायद पर, 1.70 करोड़ रुपये। 
-कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान पर, 97.50 लाख रुपये। 
-अलटरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट पर, 72.50 लाख रुपये। 
-12 सदस्यीय विदेश दौरे के भ्रमण पर खर्च, 42.62 लाख रुपये।
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