साइबर अपराध से बचाव को जागरूकता कारगर हथियार

माय सिटी माय प्राइड महाभियान के दौरान लिए गए फैसले अब धरातल पर उतरने लगे हैं। इस कड़ी में एसटीएफ ने साइबर जागरूकता को लेकर मंगलवार को अभियान का शुभारंभ किया।

By Gaurav TiwariEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 08:05 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 08:05 AM (IST)
साइबर अपराध से बचाव को जागरूकता कारगर हथियार

जागरण संवाददाता, देहरादून। माय सिटी माय प्राइड महाभियान के दौरान लिए गए फैसले अब धरातल पर उतरने लगे हैं। इस कड़ी में एसटीएफ ने साइबर जागरूकता को लेकर मंगलवार को अभियान का शुभारंभ किया। इसके तहत हरिद्वार रोड पर शास्त्रीनगर स्थित राजधानी वेडिंग प्वाइंट में आयोजित साइबर जागरुकता कार्यशाला में एसटीएफ से आए साइबर विशेषज्ञ ने साइबर अपराध और इससे बचाव के उपायों पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने सलाह दी कि साइबर अपराध से बचाव को जागरुकता ही सबसे कारगर हथियार है। कार्यशाला में आए वरिष्ठ नागरिकों ने साइबर सुरक्षा से जुड़े सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।

महाभियान के दौरान हुए मंथन में सुरक्षा के मद्देनजर एसटीएफ ने शहर में साइबर जागरूकता अभियान पर सहमति दी थी। मंगलवार को इसकी शुरुआत शास्त्रीनगर में शास्त्रीनगर जनकल्याण समिति के सहयोग से कार्यशाला के जरिये हुए। कार्यशाला में एसटीएफ के साइबर विशेषज्ञ बीपी थपलियाल ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में अपराध का परिदृश्य ही बदल गया है। अब हर हाथ में पहुंच चुके स्मार्ट फोन और इंटरनेट के जरिए साइबर फ्रॉड, एटीएम धोखाधड़ी, सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार की घटनाएं आम बात हो गई हैं। साइबर स्पेस में खतरे बहुतायत में हैं।

आमतौर पर हम जब भी मोबाइल में कोई अप्लीकेशन डाउनलोड करते हैं तो हमारी सीमित जानकारी के चलते कई ऐसी चीजें भी एक्टीवेट हो जाती हैं, जिनसे हमारा पूरा गोपनीय डाटा किसी और के पास पहुंच जाता है। इसके अलावा खाते से रकम निकल जाने, लॉटरी के नाम पर धोखाधड़ी, बीमा पालिसी के नाम पर ठगी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। कार्यशाला में एसटीएफ से मनीषा नेगी, रवि बोरा व सुरेंद्र भी मौजूद रहे।
कार्यशाला का संचालन शास्त्रीनगर जनकल्याण समिति के अध्यक्ष सीआर गोस्वामी ने किया। इस मौके पर उपाध्यक्ष अजय बिष्ट, सचिव दर्शन सिंह रावत, संरक्षक आनंद सिंह रावत, हरबंश सिंह, वीरेंद्र सिंह नेगी, गिरीश बहुगुणा, सुरेंद्र चमोली, राजे सिंह बिष्ट, एसएस बिष्ट, बीडी बहुगुणा, गोपाल सिंह, मदन मोहन बहुगुणा, भगतानंद शर्मा, गोविंद सिंह भंडारी, पीसी सजवाण, एपी नैथानी, एएस चौहान, रविंद्र सिंह नेगी, एलपी काला, सुरेंद्र रमोला, प्रेम सिंह भंडारी, जयंती दत्त सेमवाल, केआर पैन्युली, एसके सेमवाल, मनोरमा बहुगुणा व शशि बिष्ट मौजूद रहे।

यह दिए गए सुझाव
-उसी एटीएम का इस्तेमाल करें, जहां गार्ड की तैनाती हो।
-एटीएम का सीसीटीवी कैमरा बंद नहीं होना चाहिए।
-कार्ड स्वैप करने से पहले चेक कर लें कि मशीन के कीबोर्ड के ऊपर कोई छोटा कैमरा या अन्य डिवाइस तो नहीं लगी है।
-यह भी जांच लें कि मशीन में कार्ड इंसर्ट करने का पैनल ढीला तो नहीं है।
-पैनल पर कोई टेप तो नहीं चिपका है या मशीन का पैनल हिल तो नहीं रहा।
-जहां तक संभव हो, उसी एटीएम का इस्तेमाल करें, जिस पर अक्सर ट्रांजेक्शन करते हों।
-नेट बैंकिंग या ई-वालेट की डिटेल किसी से शेयर न करें।
-खरीदारी करते समय एटीएम कार्ड स्वैप करना हो तो स्वयं कीजिए और पिन भी छिपाकर डालिए।
-अपना एटीएम कार्ड किसी दूसरे को न दें।

साइबर अपराध का दायरा बढऩे के साथ अब ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। अज्ञात फोन कॉल, लॉटरी जिताने वाले फोन व अन्य झांसा देने वालों पर कतई यकीन न करें। सजग रहें और किसी भी तरह की अपराध के संदेह की स्थिति में साइबर थाने को तत्काल सूचना दें। साइबर पुलिस पूरी मदद करेगी।
-रिधिम अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ

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