जब ससुर ने बहू के लिए खोजा लड़का, धूमधाम से किया विवाह; पढ़ें पूरी कहानी

देहरादून जिले के बालावाला क्षेत्र में एक सास-ससुर ने अपनी विधवा बहू को बेटी बनाकर कन्‍यादान किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 01:03 PM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 08:14 AM (IST)
जब ससुर ने बहू के लिए खोजा लड़का, धूमधाम से किया विवाह; पढ़ें पूरी कहानी
जब ससुर ने बहू के लिए खोजा लड़का, धूमधाम से किया विवाह; पढ़ें पूरी कहानी

देहरादून, जेएनएन। आपने फिल्‍मों में ही देखा होगा कि किसी ससुर ने अपनी विधवा बहू का पिता बनकर कन्‍यादान किया हो। ऐसी ही एक कहानी देहरादून भी सच हुई। यहां सास-ससुर ने पिता बनकर अपनी विधवा बहू की धूमधाम से शादी की और कन्‍यादान भी किया। आइए आपको बताते हैं पूरी कहानी।

मामला देहरादून जिले के बालावाला का है। यहां विजय चंद और कमला परिवार के साथ रहते हैं। वर्ष 2014 में विजय चंद के बड़े बेटे संदीप की शादी कविता नाम की लड़की से हुई। परिवार में खुशियां थी, सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक वर्ष 2015 में संदीप की हरिद्वार में सड़क हादसे में मौत हो गई। मानो इस परिवार की खुशियों पर किसी की नजर लग गई। विजय चंद के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसके बाद पूरे परिवार ने ना खुद हिम्‍मत हारी और न ही अपनी बहू कविता को हारने दी।

इस बीच विजय चंद और कमला ने कविता की सहमति से उसके लिए लड़का तलाशना शुरू किया। उन्‍होंने ऋषिकेश निवासी तेजपाल सिंह को कविता के लिए पंसद दिया। दोनों परिवार की सहमति से तेजपाल और कविता की शादी हो गई। विजय चंद और कमला ने कविता को अपनी बेटी की तरह ससुराल के लिए विदा किया।

मेरे सास ससुर ने बहुत प्‍यार और सम्‍मान दिया

कविता बताती हैं कि मैं कभी भी अपने सास-ससुर को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। कहती हैं कि उन्‍होंने मुझे बहुत प्‍यार और सम्‍मान दिया। मैंने जब जिसकी मांग की, मेरी हर बात को मेरे ससुराल पक्ष ने पूरा किया। मुझे अपनी बेटी की तरह ही प्‍यार दिया। इस घटना के बाद मैं अपने माता-पिता के पास चली जाती तो शायद मेरे सास-ससुर टूट जाते।  

कविता हमारे परिवार का है हिस्‍सा

विजय चंद बताते हैं कि जब हमारे बेटे का निधन हुआ, तो हर किसी ने हमें कविता को वापस भेजने के लिए कहा। क्‍योंकि लोगों के हिसाब से वह परिवार के लिए दुर्भाग्‍यपूर्ण रही, लेकिन हम हमेशा उसके साथ खड़े रहे। मैंने उसकी शादी करने अपनी बेटी के रूप में उसका कन्‍यादान किया। वह हमारे परिवार से कभी ना अलग होने वाला हिस्‍सा है। विजय बताते हैं कि मेरी इच्‍छा है और मैं आशा करता हूं कि हमारा समाज इस घटना से कुछ सीख ले। हमारी बहू, हमारी बेटी की तरह है। वह दुनिया में सभी सम्‍मान और आशीर्वाद की हकदार हैं।

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