जिंदगी ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा, इसे यूं ही न गंवाएं..

कोरोना के वर्तमान संकट में कोई कारोबार को लेकर तनाव में है तो किसी को कॅरियर की चिंता सता रही है। ऐसे लोगों की मदद के लिए दैनिक जागरण ने विशेषज्ञों की सहायता ली।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 05:40 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 05:40 PM (IST)
जिंदगी ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा, इसे यूं ही न गंवाएं..
जिंदगी ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा, इसे यूं ही न गंवाएं..

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के वर्तमान संकट ने भविष्य की चिंता बढ़ा दी है। कोई कारोबार को लेकर तनाव में है तो किसी को कॅरियर की चिंता सता रही है। अनिश्चितता के इस दौर में लोगों को नौकरी छिन जाने का डर भी सता रहा है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनके मन में कोरोना के बढ़ते मामलों से एक अंजाना डर बैठ गया है। नकारात्मक विचारों से घिरते जा रहे ऐसे लोगों की मदद के लिए दैनिक जागरण ने विशेषज्ञों की सहायता ली। जिन्होंने जागरण हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों को तनाव से दूर रहने के टिप्स दिए।

डॉ. मुकुल शर्मा (मनोवैज्ञानिक) का कहना है कि हमेशा याद रखना चाहिए कि जिंदगी मुश्किल है, पर असंभव नहीं। जब ज्यादा तनाव में हों तो अपने खुशनुमा पलों को याद करना चाहिए। अपने परिवार, दोस्तों के बारे में सोचना चाहिए। जो आपके साथ बहुत खुश रहते हैं। यह करने से आपको अच्छा महसूस होगा।

डॉ. सोना कौशल गुप्ता (न्यूरो साइकोलॉजिस्ट) का कहना है कि किसी भी बात का इतना ज्यादा एनालिसिस न करें कि दिमाग को पैरालिसिस हो जाए। भगवान ने जिंदगी जीने के लिए दी है न कि जीवन से हारने के लिए। जीवन में संघर्ष करने से पीछे न हटें। उसका डटकर सामना करें।

डॉ. वीणा कृष्णन (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट) का कहना है कि खुद को सकारात्मक बनाएं और प्रोत्साहित करें। अपनी खूबियों और अब तक की उपलब्धियों की लिस्ट बनाएं या फिर कुछ अच्छा और उपयोगी कार्य करने की योजना बनाएं। खुद से प्रेम करें और हर चीज को सकारात्मक नजरिये से देखें।

कोरोना संकट से उपजी स्थितियों में मुझे नौकरी खोने का डर सता रहा है। ऐसी स्थिति में क्या करूं?

ऐसे समय में सकारात्मक बने रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। नकारात्मक चीजों से जितना हो सके, दूर रहें। शांत रहें। व्यायाम और योग करें। याद रखें कि यह स्थिति हमेशा नहीं रहेगी। अभी बीमारी के कारण ऐसा है, कुछ समय बाद स्थिति पहले जैसी हो जाएगी। आप काम पर ध्यान दें। तनाव ज्यादा है तो सोचें कि ऐसा हुआ तो आप और क्या-क्या कर सकते हैं? किन कामों में माहिर हैं? कहां से मदद मिल सकती है? प्लान बी क्या होगा?

लॉकडाउन में नौकरी छूट गई। भविष्य की अनिश्चितता के कारण मन में भय बना रहता है।

नौकरी जाना कोई असामान्य बात नहीं है और न ही इस स्थिति से वापसी करना असंभव है। सबसे पहली चीज तो यह कि आपको पैनिक नहीं होना है। देश और दुनिया इस वक्त कठिन दौर से गुजर रहे हैं। बहुत से लोग हैं, जो आपकी ही तरह इस मुश्किल का सामना कर रहे हैं। इस परिस्थिति में शांत रहें और खुद को हुए नुकसान पर अटके रहने के बजाय उपयुक्त विकल्प के बारे में सोचें। इस दौरान दूसरी नौकरियों के लिए अप्लाई कीजिए। इस खाली समय में अपनी योग्यता को और बेहतर बनाने का प्रयास कीजिए।

मेरा कारोबार लंबे वक्त तक ठप रहा और अब भी स्थितियां सामान्य नहीं हुई हैं। आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। भविष्य की चिंता ने नींद उड़ा दी है। समझ नहीं आ रहा कि सब कब सामान्य होगा।

सबसे पहले आपको अपने दिल और दिमाग को समझाना पड़ेगा कि पूरी दुनिया इन गंभीर हालात से पार पाने की कोशिश में लगी है। सब कुछ फिर से ठीक होगा। उन फैक्टर पर ही ध्यान देना चाहिए, जो हमारे बस में हैं। जो चीजें हमारे नियंत्रण के बाहर हैं, उनके लिए तनाव लेने का कोई मतलब नहीं है। यानी दिन-रात समस्या पर सोचने के बजाय उसका हल तलाशें। सकारात्मक रहकर धैर्य के साथ काम करेंगे तो बुरा दौर भी बीत जाएगा।

बढ़ते संक्रमण और अनिश्चितता भरे माहौल से डर लगने लगा है, इस स्थिति से कैसे पार पाऊं?

हम अपनी कल्पना से किसी भी चीज को बहुत बड़ा बना देते हैं और अत्याधिक डरने लगते हैं। इस माहौल में भी जन-जीवन दोबारा चल पड़ा है। अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें। अतीत की उन तकलीफों और संघर्ष के दिनों को याद करें, जब आपने मुसीबत को पटखनी दी होगी। उम्मीद रखिए सब ठीक होगा। क्योंकि यही उम्मीद हर संकट में राह दिखाती है और अक्सर दृषिॅ बदल देती है। सोचिए कि कोई भी समस्या आपके संकल्प से बड़ी नहीं है।

लंबे वक्त से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा हूं। जेईई का फॉर्म भरा है पर परीक्षा की तिथि बार-बार खिसकती जा रही है। अनिश्चितता भरे इस माहौल से उलझन बढ़ती जा रही है।

धैर्य की असल परीक्षा मुसीबत में ही होती है। समय का सदुपयोग करें और परिस्थिति को अनुकूल बनाएं। यह समझिए कि आपके पास पर्याप्त समय है। रिलैक्स रहकर हर विषय की गहनता के साथ तैयारी करें। अपना नियमित शेड्यूल तय करें और अच्छी तरह कॉन्सेप्ट डेवलप करें। किसी विषय में परेशानी है तो यही समय है उससे पार पाने का।

नींद नहीं आती। रात में बिस्तर पर जाने के बाद तरह-तरह के विचार आते हैं। कई बार नींद टूटती है।

रोजाना सुबह टहलने की आदत डालें। योग-ध्यान, व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। सोते वक्त ज्यादा सोच-विचार न करें। इससे मांसपेशियों में तनाव आता है और नींद में खलल पड़ता है। दिमाग को शांत रखकर सोने जाएं। आप गहरी सांस लेकर रिलैक्स हो सकते हैं। रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनें। नींद न आने के बारे में बिल्कुल भी न सोचें। ज्यादा देर मोबाइल का इस्तेमाल न करें। सोने से पहले चाय या कॉफी न पियें। मीठा खाने से भी बचना चाहिए।

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मैंने शुरू से ही बोर्ड परीक्षाओं के लिए रणनीति बनाकर पढ़ाई की। प्री-बोर्ड तक औसत अंक ही अर्जति कर सकी। ऐन वक्त पर कोरोना के चलते बोर्ड परीक्षाएं स्थगित हो गईं। अब बची हुई परीक्षाओं में औसत अंक दिए जाएंगे। मुझे डर है कि मेरा बोर्ड का परिणाम ही खराब हो जाएगा। जिसका घाटा मुझे आगे भी उठाना पड़ेगा।

यह स्थिति सभी के साथ है। आपने अपना बेस्ट किया, यह सोच होनी चाहिए। आगे जो होगा, वह भी बेस्ट होगा। जब रिजल्ट आएगा तब देखा जाएगा। गीता में कहा गया है कि जो हुआ अच्छा हुआ और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। इसलिए खुद को रिलैक्स रखें।

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