तेंदुए को देख चार घंटे तक घरों में कैद हुए ग्रामीण

राजाजी पार्क की गोहरी रेंज के बुकंडी गांव में एक तेंदुए ने साढ़े तीन घंटे तक आतंक मचा कर रखा। इस दौरान ग्रामीण घरों में कैद रहे। किसी तरह वन कर्मियों ने जाल से उसे काबू किया।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 30 Nov 2017 11:45 AM (IST) Updated:Thu, 30 Nov 2017 09:00 PM (IST)
तेंदुए को देख चार घंटे तक घरों में कैद हुए ग्रामीण
तेंदुए को देख चार घंटे तक घरों में कैद हुए ग्रामीण

ऋषिकेश, [जेएनएन]: ऋषिकेश के पास एक गांव में घुसे गुलदार(तेंदुए) ने चार घंटे तक ग्रामीणों की सांसे रोके रखीं। गुलदार ने वन कर्मचारी का भी पीछा किया। उसने किसी तरह एक घर में शरण लेकर जान बचाई। आखिकार एक ग्रामीण के साहस से गुलदार काबू आया। ग्रामीण तिरपाल लेकर घर की छत से आंगन में बैठे गुलदार पर कूद गया। इस पर आसपास के लोगों की मदद से गुलदार को जाल में कैद किया जा सका।

घटना राजाजी नेशनल पार्क से सटे पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक के विंध्यवासिनी गांव का है। गुरुवार सुबह करीब छह बजे एक गुलदार गांव में घुस गया। गुलदार को देख गांव में हड़कंप मच गया। लोग घरों में कैद हो गए। इधर उधर घूमने के बाद गुलदार प्रेम सिंह के घर के आंगन में बैठ गया। बीच-बीच में वह गोशाला के दरवाजे पर पंजे भी मारता रहा। इस बीच ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के संविदा कर्मचारी सुरेंद्र सिंह रावत वहां पहुंचे। देखते ही गुलदार उनके पीछे दौड़ा तो उन्होंने भी प्रेम सिंह के घर में शरण लेकर जान बचाई। इस बीच वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।

अभी गुलदार को पकड़ने पर मंथन चल ही रहा थ कि प्रेम सिंह की छत पर मौजूद युवक युवक राकेश कपरवाण (23) ने गुलदार के ऊपर तिरपाल फेंकी और खाली हाथ उसके ऊपर कूद गया। इस बीच ग्रामीणों ने गुलदार पर जाल भी फेंक दिया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने गुलदार को पिंजरे में डाला।

करीब चार घंटे बाद वन विभाग की टीम गुलदार को लेकर गौहरी रेंज कार्यालय  आई। यहां पशु चिकित्सा अधिकारी राजाजी पार्क डॉ. अदिति शर्मा के साथ वन्यजीव प्रतिपालक चीला अजय शर्मा ने गुलदार का परीक्षण किया। वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र प्रसाद नौटियाल ने बताया कि गुलदार की उम्र करीब डेढ़ वर्ष है। संभवतया वह अपने परिवार से बिछड़ गया है। वह अभी शिकार करने की भी स्थिति में नहीं है। इस कारण वह चार घंटे तक एक स्थान पर बैठा रहा। गुलदार को चीला मुख्यालय भेजा गया है। यहां  स्वास्थ्य का गहन परीक्षण कर उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।

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