दि‍ल्‍ली में दिवंगत सीडीएस रावत के भाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात

दिल्‍ली में आज दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई सेवानिवृत्‍त कर्नल विजय रावत मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की। इस दौरान सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत और उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 12:05 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 12:05 PM (IST)
दि‍ल्‍ली में दिवंगत सीडीएस रावत के भाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात
दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत (सेवानिवृत्त) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।

एएनआइ, दिल्ली। आज बुधवार को दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत (सेवानिवृत्त) ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने यह कहा कि आज दिल्ली में देश के प्रथम सीडीएस और उत्तराखंड के अभिमान स्वर्गीय बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत से भेंट की। सीएम ने कहा कि बिपिन रावत और उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखंड बनाने के लिए कार्य करता रहूंगा।

हेलीकाप्टर हादसे में हुई थी सीडीएस रावत की मृत्‍यु

तमिलनाडु में पिछले साल कुन्नूर के पास आठ दिसंबर को हुए हेलीकाप्टर हादसे में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्‍नी समेत 12 अन्य की मृत्यु हो गई थी। इससे उत्‍तराखंड समेत समूचे देश शोक की लहर दौड़ गई थी। दिल्‍ली में बिपि‍न रावत का  पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ उनका अं‍तिम संस्‍कार किया गया था। 

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव में बनेगा स्मारक

सीडीएस जनरल बिपिन रावत की यादों को संजोए रखने के लिए उत्‍तराखंड सरकार गंभीर है। उत्‍तराखंड के पौड़ी जिले में जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव सैंणा में सैनिक कल्याण और पर्यटन विभाग मिलकर स्मारक का निर्माण कराएंगे। ताकि युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा ले सके। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जनरल रावत ने पूर्व में अपने पैतृक गांव में बसने की इच्छा जताई थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

तीन पीढ़ी ने की देश की सेवा

जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत ने बताया कि जनरल रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे। सेना में उन्हें डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ बनाया गया था। वहीं उनके दादा भी ब्रिटिश आर्मी में सूबेदार पद पर थे। सैन्य परिवार से जुड़ा होने के कारण उनमें बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी।

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