आपदा पर विशेष सत्र बुलाए सरकार: भट्ट

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केदारनाथ धाम में कैबिनेट व सर्वदलीय बैठक आयोजित करने के मामले में विपक्षी दल

By Edited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 01:02 AM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 01:02 AM (IST)
आपदा पर विशेष सत्र बुलाए सरकार: भट्ट

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केदारनाथ धाम में कैबिनेट व सर्वदलीय बैठक आयोजित करने के मामले में विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने इस कैबिनेट बैठक को सियासी पिकनिक व ड्रामेबाजी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि महज एक घंटे के भीतर बगैर किसी ठोस निर्णय के खत्म हुई इस कैबिनेट बैठक में शिरकत करने के लिए हवाई यात्रा पर लाखों रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार को आपदाग्रस्त क्षेत्रों की इतनी ही चिंता है, तो विपक्ष सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करता है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने आरोप लगाया कि दैवीय आपदा को डेढ़ वर्ष पूरे हो चुके हैं, मगर राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर अब भी सिर्फ राजनीति कर रही है। आपदा पीड़ित आत्महत्या कर रहे हैं। संत जल समाधि लेने की चेतावनी दे रहे हैं, मगर सरकार सिर्फ ड्रामेबाजी कर रही है। केदारनाथ में जब कैबिनेट चल रही थी, तो सोनप्रयाग में आपदा पीड़ित मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। मात्र एक घंटे में जिस तरह कैबिनेट की बैठक, सर्वदलीय बैठक व भोजन आदि सबकुछ निपटा लिया गया, उससे साफ है कि यह सियासी पिकनिक से ज्यादा कुछ नहीं था।

स्थानीय लोग अपने ध्वस्त मकानों में साफ सफाई की अनुमति मांगने के लिए केदारनाथ में जुटे थे, मगर मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री ने उनसे मिलने तक की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत 2017 के चुनाव को देखते हुए आपदा के नाम पर अब मात्र भावनात्मक राजनीति कर रहे हैं। यदि राज्य सरकार गंभीर है, तो उसे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धारचूला घाटी में 1100 रुपये में आम जनता को हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध कराने का भी सरकार ने जोरशोर से ढिंढोरा पीटा।

विधानसभा उपचुनाव निपटने के बाद यह सेवा बंद कर दी गई। लोगों के विरोध के बाद सरकार ने हवाई सेवा बहाल तो की, मगर इसका टिकट बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया। अब यह सेवा फिर से बंद कर दी गई है। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के अलावा अन्य लोगों के बैठने पर भी सवाल उठाए।

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