जो बोले सो निहाल की गूंज के साथ श्री झंडे जी का आरोहण

श्रद्धा का सैलाब और आस्था का समुद्र और उस पर भक्ति के रस से सराबोर सगत के साथ श्री झंडे जी का आरोहरण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 08:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 08:49 PM (IST)
जो बोले सो निहाल की गूंज के साथ श्री झंडे जी का आरोहण
जो बोले सो निहाल की गूंज के साथ श्री झंडे जी का आरोहण

जागरण संवाददाता, देहरादून : श्रद्धा का सैलाब और आस्था का समंदर और उस पर भक्ति के रस से सराबोर संगत। संगत का सैलाब ऐसा कि कहीं तिल रखने की जगह नहीं और चारों ओर गुरु के जयकारों की गूंज, फिर भी असीम शांति का एहसास। यह अद्भुत नजारा सोमवार को श्री दरबार साहिब में दिखाई दिया। जहां देश-विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालु आस्था व विश्वास के प्रकाश पुंज झडे जी के आरोहण की पवित्र रस्म के साक्षी बने।

सुबह करीब आठ बजे झंडे जी को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद झंडेजी का दूध, दही, घी, गंगाजल, पंचगव्य से स्नान कराया गया। पूजा-अर्चना के बाद गिलाफ चढ़ाना शुरू किया गया। 41 सादे गिलाफ, 21 सनील के गिलाफ और अंत में पंजाब के होशियारपुर जिले के केसर सिंह के पुत्र ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। उनके पिता ने करीब 104 साल पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी। दर्शनी गिलाफ को छूने को हर कोई श्रद्धालु आतुर था। इसके बाद मखमली वस्त्र, सुनहरे गोटों, चंवर से सुसज्जित कर झंडे जी का आरोहण किया गया। दरबार साहिब के महंत श्री देवेंद्र दास महाराज के दिशा-निर्देशन में 95 फीट ऊंचे झंडे जी को लकड़ियों की कैंची के सहारे धीरे-धीरे खड़ा किया गया। शाम करीब 4:45 बजे शक्ति पुंज के आरोहण होते ही पूरा माहौल जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठी। आस्था की भावुकता से श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। वहीं संगत ढोल की थाप पर नृत्य करने लगी। इस मौके पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे।

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श्री गुरु राम राय का 373वें जन्मदिवस मनाया

श्री गुरु राम राय ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उनका जन्म 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतुपर में होली के पांचवें दिन हुआ था। इसलिए दरबार साहिब में हर साल होली के पांचवें दिन उनके जन्मदिवस पर झंडा मेला लगता है। गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था। इस बार उनका 373वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया।

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श्रद्धालुओं ने देखा लाइव प्रसारण

श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते हर किसी के लिए झंडे जी का आरोहण साक्षात देख पाना संभव नहीं हो पाता। ऐसे श्रद्धालुओं के लिए श्री दरबार साहिब मेला समिति की ओर से चार एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था दर्शनी गेट, भंडारी चौक, सहारनपुर चौक, दरबार साहिब में की गई थी। ड्रौन कैमरों की मदद से झंडे जी के आरोहण का लाइव प्रसारण किया गया।

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जगह-जगह लंगर व भंडारे का आयोजन

जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए छोटे बड़े लंगर का आयोजन किया गया। सहारनपुर चौक, जैन धर्मशाला, तिलक रोड, दरबार साहिब परिसर, हनुमान चौक आदि में भंडारे और लंगर की व्यवस्था की गई।

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कल होगी नगर परिक्रमा

सप्तमी के दिन यानी बुधवार को नगर परिक्रमा होगी। श्री महंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई श्रद्धालु दरबार साहिब से पैदल निकलेंगे। तिलक रोड, घंटाघर गांधी रोड, रीठा मंडी, भंडारी बाग होते हुए नगर परिक्रमा लक्खीबाग स्थित महंत की समाधि स्थल पहुंचेंगी। इसके बाद दरबार साहिब में आकर परिक्रमा संपन्न होगी।

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एक माह तक चलेगा मेला

झंडे जी के आरोहण के बाद से यहां मेला शुरू हो गया है। जो एक माह तक चलेगा। इसके लिए तरह-तरह के साज-सामान की दुकानें और झूले आदि लगाए गए हैं।

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कब क्या हुआ

सुबह आठ बजे झंडे जी को उतारने की रस्म शुरू हुई

सुबह 10 बजे से झंडेजी के पुराने गिलाफ उतारे गए।

सुबह 11: 27 बजे से झंडे जी का दूध, दही, घी, गंगाजल, पंचगव्य से स्नान कराया गया।

दोपहर 12 बजे सादे गिलाफ चढ़ाने शुरू हुए।

दोपहर एक बजे से सनील के गिलाफ चढ़ाए गए।

दोपहर 1: 40 बजे से दर्शनी गिलाफ चढ़ाना शुरू हुआ।

शाम 4:15 बजे झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई।

शाम 4:45 बजे झंडे जी का आरोहण हुआ।

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