यहां सड़क पर बिखरी निर्माण सामग्री देती है हादसों को न्योता, अधिकारियों की अनदेखी जिंदगी पर पड़ती है भारी

दून की सड़कें इतनी चौड़ी नहीं हैं कि उनमें यातायात भी ढंग से चल सके। इसके बाद भी सड़कों पर निर्माण सामग्री डालकर और संकरा बना दिया जाता है। अधिकारी भी सड़कों पर पसरी इस तरह की अंधेरगर्दी को अनदेखा कर देते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 09:02 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 01:57 PM (IST)
यहां सड़क पर बिखरी निर्माण सामग्री देती है हादसों को न्योता, अधिकारियों की अनदेखी जिंदगी पर पड़ती है भारी
सड़क पर बिखरी निर्माण सामग्री देती है हादसों को न्योता।

देहरादून, जेएनएन। दून की सड़कें इतनी चौड़ी नहीं हैं कि उनमें यातायात भी ढंग से चल सके। इसके बाद भी सड़कों पर निर्माण सामग्री डालकर और संकरा बना दिया जाता है। अधिकारी भी सड़कों पर पसरी इस तरह की अंधेरगर्दी को अनदेखा कर देते हैं, जिसके चलते होने वाले हादसों में लोगों को जान गंवानी पड़ जाती है। यही नहीं, ओवरलोडिंग और बेतरतीब पार्किंग भी हादसों का कारण जानलेवा साबित हो रही है।

सड़क पर बिखरी रेत, बजरी और ईंटों के चलते पिछले तीन साल में 11 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें चार व्यक्तियों की मौत हो गई। पिछले साल नगर निगम को जरूर सड़कों पर बिखरी निर्माण सामग्री की याद आई थी और बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। नगर आयुक्त के निर्देश पर सड़कों पर से निर्माण सामग्री के साथ निर्माण मशीनों को भी जब्त किया गया था। वहीं, ऐसा करने वाले व्यक्तियों से भारी-भरकम जुर्माना भी वसूल किया था। हालांकि, एक बार अभियान थमा तो दोबारा सड़कों की सुध नहीं ली गई। अब स्थिति पहले की तरह हो गई है। निर्माण सामग्री के कारण आए दिन दुपहिया वाहन रपटते रहते हैं, मगर इस तरफ कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है।

गलत पार्किंग पर हुए 12 हजार चालान

दून में वाहनों के पंजीकरण की संख्या इस साल 10 लाख पार कर गई है। वहीं, सड़कों के चौड़ीकरण की दिशा में सालों से कोई प्रयास ही नहीं किए गए। इसके चलते वही सड़क वाहनों के लिए है और वही पार्किंग के लिए भी। समझा जा सकता है कि ऐसे में दून की यातायात व्यवस्था किस तरह चलती होगी और इससे भी बेवजह सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। बीते कुछ सालों में पार्किंग व्यवस्था के नाम पर भी आधे-अधूरे ढंग से प्रयास किए गए हैं। राजपुर रोड पर स्मार्ट पार्किंग, घंटाघर कॉम्पलेक्स, डिस्पेंसरी रोड कॉम्पलेक्स व कुछ निजी कॉम्पलेक्स के अलावा पार्किंग की सुविधा दी ही नहीं जा सकी। पर्याप्त पार्किंग न मिलने के चलते लोग सड़क पर ही वाहन पार्क करने को मजबूर हो जाते हैं। इसका पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2019 में यातायात पुलिस ने 12 हजार से अधिक चालान सिर्फ गलत पार्किंग पर किए हैं।

गल पार्किंग पर कार्रवाई(2019)

नो पार्किंग- 10835

सड़क पर पार्किंग- 4034

मौत बनकर दौड़ते हैं ट्रैक्टर ट्रॉली और ओवरलोड वाहन

दून में ट्रैक्टर-ट्रॉली व ओवरलोड वाहनों से भी निरंतर हादसे हो रहे हैं। रात के समय ये वाहन और भी खतरनाक साबित होते हैं, क्योंकि इनमें अधिकतर में रिफलेक्टर होते ही नहीं हैं। पिछले तीन साल की बात करें तो 24 हादसे हो चुके हैं, जिनमें 12 व्यक्तियों की जान भी जा चुकी है।

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