हमारा कर्तव्य है कि अपने देश की धरोहर को बचाकर रखें और अगली पीढ़ी को सौंपें

सीएम ने स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती पर आयोजित उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव के समापन समारोह में कहा कि राष्ट्र भौगोलिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक परिकल्पना है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 11:04 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 11:04 AM (IST)
हमारा कर्तव्य है कि अपने देश की धरोहर को बचाकर रखें और अगली पीढ़ी को सौंपें
हमारा कर्तव्य है कि अपने देश की धरोहर को बचाकर रखें और अगली पीढ़ी को सौंपें

देहरादून, जेएनएन। राष्ट्र भौगोलिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक परिकल्पना है। संस्कृति ही किसी देश की असली पहचान होती है। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि अपने देश व पुरखों की धरोहर को बचाकर रखें और अगली पीढ़ी को सौंपें। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती पर आयोजित उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव के समापन समारोह में कही।

उन्होंने युवाओं को समाज सुधार, संवैधानिक मूल्यों पर खरा उतरने, अनुशासन समेत अन्य नैतिक मूल्यों का संकल्प भी दिलाया। साथ ही कहा कि इस कॉन्क्लेव में युवाओं के बीच जो मंथन हुआ और निष्कर्ष निकला, उस पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। जीवन में सफलता के लिए ईमानदार प्रयास करने की जरूरत है। तनाव करने से कुछ हासिल नहीं होता। हमारा अधिकार मेहनत करने पर है। बाकी ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने पर्यटन और फिल्म इंडस्ट्री पर भी युवाओं से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार विशेष थीम पर आधारित 13 नए पर्यटन स्थल तैयार कर रही है। इसके अलावा टिहरी झील के लिए 1400 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाने की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। बताया कि बागेश्वर में खंडहर में तब्दील हो चुके विवेकानंद की याद में बनाए गए आश्रम को भी दोबारा ठीक कर विकसित करने पर काम किया जा रहा है।

वहीं, कॉन्क्लेव में शनिवार को हुए विभिन्न वाद-विवादों से निकलकर आए सुझावों का एक ड्राफ्ट तैयार कर छात्रों ने सीएम को सौंपा। समापन समारोह में स्वामी असीम आत्मानंद ने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के जीवन के अुनभव साझा किए। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

छात्रों से किए सवाल-जवाब

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने हॉल में बैठे छात्रों के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के कॉलेज व स्कूली छात्रों से सवाल-जवाब लिए। कुमांऊ विवि के छात्रों ने ग्रामीण विकास और होम स्टे पर सवाल पूछे। गढ़वाल विवि पौड़ी परिसर की छात्रा श्वेता तिवारी ने सीएम से पूछा कि आप से कैसे जुड़ें। इसपर उन्होंने छात्रा को अपना फोन नंबर दिया। साथ ही युवाओं को ट्विटर और सीएम पोर्टल के माध्यम से जुड़े रहने को कहा। पिथौरागढ़, चंपावत और हल्द्वानी के छात्रों ने भी सीएम से सवाल पूछे।

संविधान की लेखनी पर टिप्पणी

दून मेडिकल कॉलेज के छात्र आकर्ष उनियाल के सवाल, 'इंडिया और भारत' में कैसे संतुलन बनाया जाए के जवाब में सीएम बोले कि संविधान में इंडिया दैट इज भारत लिखा गया है। जो भारत दैट इज इंडिया होना चाहिए। अगर यह सोच सभी में विकसित हो जाए तो सब खुद ही ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और पुरखों पर गर्व होना चाहिए। वही देश आगे बढ़ सकता है, जो अपने पूर्वजों का सम्मान करता हो। यह पूछे जाने पर कि राजनीति में नहीं आते तो क्या करते, मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी नहीं सोचा था कि मुख्यमंत्री बनूंगा। हमारी प्रवृत्ति मांगने की नहीं होनी चाहिए, बल्कि अपने पुरुषार्थ से हासिल करना चाहिए। अगर राजनीति में नहीं आता तो अपना ही कोई काम करता, नौकरी बिल्कुल नहीं।

एनआइटी में खुलेगी साइबर क्राइम स्टडी यूनिट

देश में बढ़ रहे साइबर क्राइम पर लगाम लगाने और साइबर अपराध कर रहे लोगों की मानसिकता समझने के उद्देश्य से श्रीनगर गढ़वाल स्थित एनआइटी में साइबर क्राइम स्टडी यूनिट खोली जाएगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा। धन सिंह ने बताया कि स्टडी सेंटर राष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्यशाला के तौर पर विकसित किया जाएगा। स्टडी सेंटर में साइबर क्राइम से जुड़ी हर प्रकार की पढ़ाई और शोध कराए जाएंगे। साथ ही प्रयोगशालाओं में बढ़ते हुए साइबर क्राइम पर रोक लगाने के तरीके तलाशे जाने पर जोर दिया जाएगा। 

कार्यकाल में एक दफा मर्जी से मिलेगी नियुक्ति

यूथ लीडर्स कॉन्क्लेव के समापन पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह ने कहा कि डॉ. भक्त दर्शन पुरस्कार हासिल करने वाले प्रोफेसरों को कार्यकाल में एक दफा उनकी पसंद से नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे उन प्रोफेसरों को विशेष लाभ मिलेगा, जो किसी महाविद्यालय में कोई विशेष शोध कर रहे हैं और इसी दौरान उनका तबादला हो जाता है। ऐसे में उस प्रोफेसर के पास उसी महाविद्यालय में दोबारा नियुक्ति लेने का विकल्प होगा। धन सिंह ने कहा कि ऐसे प्रोफेसरों को इच्छा नियुक्ति के अलावा पदोन्नति का लाभ देने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं।

हालांकि, अभी पदोन्नति पर नियमावली और मानकों के आधार पर मंथन किया जाना बाकी है। पुरस्कार के लिए तीन कुलपतियों और उच्च शिक्षा निदेशक की कमेटी बनाई गई है। इनके चयन के बाद शासन पांच प्रोफेसरों के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगा। कहा कि डॉ. भक्ति दर्शन कांग्रेस के नेता रहे, मगर उनकी सरकार ने उनके लिए कुछ किया नहीं। हमारी सरकार ने उनको सम्मान देने के लिए उनके नाम पर पुरस्कार शुरू किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में शिक्षक व अन्य रिक्त पदों के लिए 26 फरवरी से साक्षात्कार शुरू हो जाएंगे।

यह भी पढ़ें: प्रशिक्षण बिना नियमित नहीं होंगे देशभर के इंजीनियरिंग शिक्षक

युवा आदर्शों ने साझा किए अनुभव

कार्यक्रम में यंग एचीवर्स के रूप में पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा, आइएएस मंगेश घिल्डियाल, विक्रमादित्य, फिल्म निर्माता रिया नायडू, म्यूजिक कंपोजर शुभम गुप्ता, स्किल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सूरज ने अपने अनुभव साझा किए। इसके अलावा मिनाक्षी भाटिया, आकर्ष उनियाल, गिरीश, सिद्धार्थ बलूनी, मो. दानिश, अरिवर्धन रोठान, चंद्र प्रकाश, उज्ज्वल शर्मा, आयुष टंडन को विभिन्न वर्ग की प्रतियोगिताओं में अव्वल आने पर सम्मानित किया गया। समापन अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ति रावत, अपर सचिव इकबाल अहमद समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें: एचआरडी मंत्री निशंक बोले, देहरादून में बनेगी अटल इनोवेशन अकादमी

chat bot
आपका साथी