सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता को रिश्वत की शिकायत करनी पड़ी भारी, लटका है ग्रेच्युटी भुगतान

सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता को विजिलेंस से रिश्वत मांगने की शिकायत करना भारी पड़ रहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारी बुजुर्ग को उनकी ग्रेच्युटी नहीं दे रहे हैं। इसके लिए वह कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 16 May 2022 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 04:25 PM (IST)
सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता को रिश्वत की शिकायत करनी पड़ी भारी, लटका है ग्रेच्युटी भुगतान
सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता को विजिलेंस से रिश्वत मांगने की शिकायत करना भारी पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: विजिलेंस से समीक्षा अधिकारी की ओर से रिश्वत मांगने की शिकायत करना सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता को भारी पड़ रहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी विभागीय अधिकारी बुजुर्ग को उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं कर रहे। इसके लिए वह लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

देहरादून निवासी महेश चंद्र अग्रवाल सिंचाई विभाग से कनिष्ठ अभियंता के पद से अप्रैल 2008 में सेवानिवृत्त हुए थे। वह मनेरी भाली परियोजना में तैनात थे। इसी वर्ष 25 फरवरी को महेश चंद्र अग्रवाल के पुत्र कृष्ण चंद्र अग्रवाल ने विजिलेंस से शिकायत की कि स्टोर से संबंधित कुछ मदों में सामान की कमी के चलते उनके पिता की ग्रेच्युटी रोकी दी गई।

इसकी शिकायत उन्होंने लोक सेवा अधिकरण से की। अधिकरण ने अपना निर्णय शिकायतकर्ता के पक्ष में दिया। इस निर्णय के विरुद्ध सिंचाई विभाग ने हाई कोर्ट में अपील की। वहां से भी शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय आया और स्पष्ट किया गया कि देय धनराशि का शीघ्र भुगतान किया जाए, जोकि करीब 30 लाख रुपये बनी थी।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद 22 फरवरी 2022 को सचिवालय में सिंचाई विभाग के अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने शिकायतकर्ता को फोन किया और भुगतान के संबंध में मुलाकात के लिए 24 फरवरी को सचिवालय बुलाया।

शिकायतकर्ता महेश चंद्र अपने बेटे कृष्ण चंद्र के साथ सचिवालय पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित और समीक्षा अधिकारी केपी थपलियाल से हुई। उन्होंने आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल न करने और ग्रेच्युटी का भुगतान कराने के लिए शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की मांग की। बाद में उनके बीच 75 हजार रुपये पर बात तय हो गई।

इस शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को ही विजिलेंस ने हाल निवासी आफिसर्स कालोनी रेसकोर्स और मूल रूप से ग्राम पलास, नई टिहरी के रहने वाले कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल को कृष्ण चंद्र अग्रवाल से 75 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

अब शिकायतकर्ता महेश चंद्र अग्रवाल का कहना है कि इस प्रकरण के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने उनकी लंबित ग्रेच्युटी के भुगतान का मामला लटका दिया। अधिकारी हवाला दे रहे हैं कि फिलहाल यह तय नहीं हो पारहा कि उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान पुरानी पेंशन के आधार पर किया जाएगा या नए वेतनमान पर। शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिकारी कोर्ट की अवहेलना करने के साथ ही उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

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