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गजब: परिवहन विभाग में गड़बड़झाला, हरिद्वार से अनफिट बस नारसन-ऋषिकेश में हुईं फिट

हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय से अनफिट तीन बसों को नारसन चेकपोस्ट और ऋषिकेश में फिट बताते हुए ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने के मानक क्या हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 11:06 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 11:06 AM (IST)
गजब: परिवहन विभाग में गड़बड़झाला, हरिद्वार से अनफिट बस नारसन-ऋषिकेश में हुईं फिट
तीन अनफिट बसों को नारसन चेकपोस्ट और ऋषिकेश में फिट बताते हुए ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया

रमन त्यागी, रुड़की : ग्रीन कार्ड के नाम पर परिवहन विभाग में किस तरह गड़बड़झाला हो रहा है, इसका एक जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला जब हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय से अनफिट तीन बसों को नारसन चेकपोस्ट और ऋषिकेश में फिट बताते हुए ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया।

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अब तो ये तीनों बसें यात्रा कराकर वापस भी लौट चुकी हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा है। संभागीय परिवहन अधिकारी ने इस संबंध में नाराजगी जताते हुए तीनों एआरटीओ से जवाब मांगा है। साथ ही पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने के मानक क्या हैं।

दो साल कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से नहीं हो सकी। ऐसे में इस बार जब प्रतिबंध हटाए गए तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारोंधाम में दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं। सूबे के नारसन बार्डर से लेकर चमोली जिले के अंतिम गांव माणा तक श्रद्धालुओं की भीड़ है। सरकार की ओर से इस बार प्रतिदिन यात्रियों की संख्या निर्धारित करते हुए उनका पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया है।

वहीं यात्री वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड को भी अनिवार्य कर दिया गया है। ग्रीन कार्ड को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी लगातार आ रही हैं। मई के पहले सप्ताह में हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय में उप्र एवं हरियाणा में पंजीकत तीन बसों ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया था। एआरटीओ हरिद्वार कार्यालय ने तीनों बसों का तकनीकी निरीक्षण करते हुए पाया कि वह मानक के अनुसार नहीं हैं और यात्रा मार्ग पर भेजे जाने लायक भी नहीं हैं।

इसके चलते तीनों को अनफिट बताते हुए ग्रीन कार्ड जारी नहीं किए गए। इसी बीच उप्र में पंजीकृत दोनों बसों को नौ मई को रुड़की के नारसन चेकपोस्ट से ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया, जबकि हरियाणा में पंजीकृत बस को आठ मई को ऋषिकेश स्थित एआरटीओ कार्यालय से ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया।

ऐसे में एक कार्यालय से तीन बसों को अनफिट बताना और दो कार्यालय से बसों को ग्रीन कार्ड जारी करने से विभाग की जांच-पड़ताल पर प्रश्नचिह्न लग गया है। मामले की जानकारी मिलने पर संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून डीसी पठोई ने नाराजगी जताते हुए इसे घोर लापरवाही करार दिया है। मामले में रुड़की, हरिद्वार एवं ऋषिकेश के एआरटीओ को नोटिस जारी कर तकनीकी अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के बाद रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

दलाल करा दे रहे सारे काम

ग्रीन कार्ड बनाने के खेल में विभिन्न चेकपोस्ट एवं एआरटीओ कार्यालय पर दलाल सक्रिय हैं। नारसन चेकपोस्ट पर तो डीएम के निर्देश के बाद रविवार को अधिकांश दलाल गायब हो गए, लेकिन फोन पर अभी भी दलालों का नेटवर्क जारी है। ऐसे में बिना गाड़ी देखे ही तकनीकी अधिकारी रिपोर्ट लगाकर ग्रीन कार्ड जारी कर देते हैं।

यह हैं बस के फिटनेस मानक

- बस में रिफ्लेक्टर लगे हों और लाइट भी काम कर रही हों।

- बस के स्टेयरिंग, ब्रेक और क्लच में कोई खराबी न हो।

- बस में अग्निशमन उपकरण के साथ ही फस्र्ट एड बाक्स भी होना चाहिए।

- बस के टायर 166 एमएम के हों।


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