नोटबंदी के वक्त दस लाख जमा करने वालों का डाटा सीबीडीटी को भेजा

नोटबंदी के दौरान जिन खातों में दस लाख या दस लाख से ज्यादा की राशि जम की गर्इ थी। आयकर विभाग ने उनका ब्योरा सीबीडीटी को भेजा है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 09 Feb 2018 06:30 PM (IST) Updated:Mon, 12 Feb 2018 10:18 PM (IST)
नोटबंदी के वक्त दस लाख जमा करने वालों का डाटा सीबीडीटी को भेजा
नोटबंदी के वक्त दस लाख जमा करने वालों का डाटा सीबीडीटी को भेजा
v style="text-align: justify;">देहरादून, [सुमन सेमवाल]: आयकर विभाग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को उत्तराखंड के ऐसे खातों का ब्योरा भेजा है, जिनमें नोटबंदी के दौरान 10 लाख रुपये और इसके अधिक राशि जमा कराई गई। पूर्व में सीबीडीटी ने ही इन खातों को चिह्नित कर इनकी विस्तृत जांच करने को कहा था। 
मुख्य आयकर आयुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता के मुताबिक नोटबंदी के दौरान खातों में बड़ी राशि जमा कराने वालों का ब्योरा संबंधित बैंकों से मांगा गया था। सीबीडीटी ने उत्तराखंड से 4700 बैंक खातों को चिह्नित कर जांच के लिए कहा था। इन खातों में 10 लाख रुपये व इससे अधिक की राशि जमा कराई गई थी। बोर्ड के निर्देश के क्रम में सभी खाताधारकों को नोटिस जारी किए गए। लगभग सभी ने इसका जवाब भी दिया है।
इसके बाद संबंधित खाताधारकों की पूर्व के वर्षों के रिटर्न की भी जांच की गई। अब तक 4425 खातों की जांच पूरी की जा चुकी है, जिनकी आख्या बनाकर सीबीडीटी को भेजी जा चुकी है। जबकि 275 खाते ऐसे हैं, जिनकी जांच अंतिम चरण में है। इनका विवरण भी जल्द बोर्ड को उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद भविष्य में बोर्ड जो भी निर्देश (पुन: जांच, सर्वे, छापा आदि) जारी करेगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 
मार्च के बाद कार्रवाई संभव 
आयकर विभाग मार्च माह तक इंतजार करेगा, ताकि सभी खाताधारक रिटर्न दाखिल कर दें। क्योंकि नोटबंदी के दौरान खातों में जमा राशि के हिसाब से रिटर्न दाखिल करने की अंतिम अवधि मार्च ही है। अंतिम रिटर्न में स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी कि कितने खातों में कालाधन जमा किया गया है।
हालांकि, पूर्व में आयकर विभाग ने एडवांस इनकम टैक्स जमा करने की स्थिति को देखते हुए पाया था कि कम से कम 400 खातों में कालाधन (अघोषित) आय जमा की गई है। वैसे तो खातों में जमा राशि 10 लाख व इससे कहीं अधिक भी जमा की गई है, लेकिन औसत राशि प्रति खाता 10 लाख ही मानी जाए, तब भी 4700 खातों में 470 करोड़ रुपये पुराने नोट के रूप में जमा किए गए हैं। 
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