उत्तराखंड में अब डॉक्टरों ने तोड़ा करार तो होगी ये कार्रवार्इ

उत्तराखंड में अब करार तोड़ने वाले डॉक्टरों पर कार्रवार्इ की जाएगी। जो डॉक्टर करार तोड़ेंगे उन्हें तीस लाख का जुर्माना भरना होगा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 07 Jun 2018 02:07 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jun 2018 09:06 PM (IST)
उत्तराखंड में अब डॉक्टरों ने तोड़ा करार तो होगी ये कार्रवार्इ
उत्तराखंड में अब डॉक्टरों ने तोड़ा करार तो होगी ये कार्रवार्इ

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सरकारी खर्चे से एमबीबीएस की डिग्री लेकर प्रदेश के अस्पतालों में सेवाएं न देने वाले डॉक्टरों पर अब सरकार शिकंजा कसने जा रही है। इन सभी चिकित्सकों का चिह्नीकरण किया जा रहा है। करार तोडऩे वाले जिन डॉक्टरों ने वर्ष 2017 से पहले कोर्स किया है उनसे 30 लाख रुपये और वर्ष 2017 व उसके बाद कोर्स पूरा करने वाले डॉक्टरों से एक करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में वसूल करने की तैयारी है। इतना ही नहीं इन चिकित्सकों की उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जा सकता है। 

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने एमबीबीएस, एमडी समेत अन्य मेडिकल संबंधी पढ़ाई को सस्ती फीस पर कराने का प्रावधान रखा है। सरकारी योजना के तहत मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों से बॉंड भराया जाता है। बॉंड के अनुसार ऐसे छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद एक निश्चित समय के लिए प्रदेश में अपनी सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है। बावजूद इसके अधिकांश मेडिकल के छात्र इस बांड का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद यह छात्र निजी क्षेत्र अथवा अन्य राज्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

कुछ समय पहले स्वास्थ महकमे ने इनका रिकार्ड निकाला था। इस रिकार्ड के अनुसार सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पास आउट होने वालों में से इस वर्ष जनवरी तक तक केवल 244 ने ही अस्पतालों में तैनाती दी थी। 213 ने तैनाती नहीं दी जबकि 218 ऐसे पाए गए, जिनके संबंध में कोई जानकारी थी ही नहीं।

इस पर सख्ती दिखाते हुए स्वास्थ्य महकमे ने अनुपस्थित रहे सभी डॉक्टरों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर तैनाती देने के निर्देश दिए। इनमें से तकरीबन सौ डॉक्टर तैनाती दे चुके हैं। शेष अभी भी भी अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। इस वर्ष पास आउट होने वाले कुछ डॉक्टर ने भी अपनी तैनाती नहीं दी है। इसे देखते हुए अब शासन ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। 

इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिन डॉक्टरों ने अनुबंध का पालन नहीं किया है उसका संज्ञान लिया गया है। उनसे एक बार फिर से अपनी सेवाएं देने का आग्रह किया जा रहा है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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