शीतकालीन सत्र से पहले गैरसैंण पर गरमाई सियासत

विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के सवाल पर सियायत फिर से गरमाने लगी है। इसे लेकर भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ हमलावर हो गई है।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 07 Nov 2017 08:47 AM (IST) Updated:Tue, 07 Nov 2017 10:44 PM (IST)
शीतकालीन सत्र से पहले गैरसैंण पर गरमाई सियासत
शीतकालीन सत्र से पहले गैरसैंण पर गरमाई सियासत

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: गैरसैण में विधानसभा के सात दिसंबर से प्रस्तावित शीतकालीन सत्र से पहले ही सियासत गरमाने लगी है। भाजपा ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का कार्ड खेला है तो कांग्रेस का कहना है कि पहले राज्य सरकार फैसला ले और फिर वह इस मसले पर अपने पत्ते खोलेगी। सूरतेहाल, साफ है कि दोनों ही दल पर्दे के पीछे रहकर राज्यवासियों की भावनाओं से जुड़े इस सवाल पर स्थिति स्पष्ट नहीं करना चाहते। दोनों की मंशा दर्शाती है कि गैरसैंण का प्रश्न यूं ही फुटबाल बना रहे और सियासत चलती रहे।

गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के मध्य में स्थित गैरसैंण को राजधानी बनाना राज्य आंदोलन की भावना थी। नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड समेत तीन राज्यों का उदय हुआ तो देहरादून को उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी बनाकर स्थायी राजधानी का मसला यहां की सरकार के लिए छोड़ दिया गया। तब से 17 साल गुजरने को हैं, लेकिन स्थायी राजधानी का सवाल अभी भी अधर में लटका है, जबकि यहां अब तक दोनों ही प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस बारी-बारी सत्तासीन होते आए हैं।

हालांकि, गैरसैण में विधानसभा भवन समेत अन्य आधारभूत सुविधाएं जुटाई गई हैं, लेकिन इसे लेकर घोषणा करने में दोनों ही दल हिचकिचाते आए हैं। अलबत्ता, राजधानी के प्रश्न पर एक-दूसरे को कोसकर सियासी रोटियां जरूर सेंकी जाती रही हैं। ये जरूर है कि गैरसैण में तीन विस सत्र हो चुके हैं, लेकिन हकीकत ये है कि जनभावनाओं की लगातार अनदेखी की जा रही है।

अब जबकि, राज्य में भाजपा सत्तासीन हुई है तो उसने भी कांग्रेस की भांति गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन सत्र घोषित करने के साथ ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही। हालांकि, सरकार ने अभी इस पर रुख स्पष्ट नहीं किया है। यही नहीं, अब सात दिसंबर से गैरसैंण में विस का सत्र आहूत करने के सरकार के फैसले से सियासत गरमाने लगी है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से चल रहे शब्दबाण इसे तस्दीक करते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि राज्य गठन के वक्त राजधानी घोषित न करना एक बड़ी चूक थी। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण में आधारभूत ढांचा विकसित कर राजधानी की दिशा में कदम बढ़ाया। अब भाजपा सरकार को इस पर निर्णय लेना है, इसके बाद ही गैरसैंण पर कांग्रेस अपने पत्ते खोलेगी।

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि गैरसैंण पर भाजपा का मंतव्य साफ है। पार्टी ने अपने दृष्टिपत्र के साथ ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने भी साफ किया किया है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दिशा में भाजपा आगे बढ़ रही है।

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