हरिद्वार : जितेंद्र नारायण त्यागी ने श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से की भेंट, कहा- जेल में रहने के दौरान मन में जागृत हुई संन्यास इच्छा

जितेंद्र नारायण त्यागी ने श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट की। मंगलवार को हुई इस भेंट को उन्‍होंने शिष्टाचार भेंट बताया। कहां की पूर्व में जेल में रहने के दौरान उनके मन में संन्यास इच्छा की भावना जागृत हुई थी।

By Nirmala BohraEdited By: Publish:Tue, 24 May 2022 03:26 PM (IST) Updated:Tue, 24 May 2022 07:28 PM (IST)
हरिद्वार : जितेंद्र नारायण त्यागी ने श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से की भेंट, कहा- जेल में रहने के दौरान मन में जागृत हुई संन्यास इच्छा
जितेंद्र नारायण त्यागी ने श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से की भेंट

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : उत्तर प्रदेश शिया वफ्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पहले का नाम वसीम रिजवी ने मंगलवार को निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इसे शिष्टाचार निजी भेंट बताते हुए कहा कि जेल में रहने के दौरान उनके मन में संन्यास इच्छा की भावना जागृत हुई थी। इसी को लेकर उन्होंने श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट की।

वह जानना चाहते हैं कि इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले व्यक्ति के लिए क्या-क्या धार्मिक विधान है और उसे इसके लिए कौन-कौन से कर्मकांड व कर्तव्य पूर्ण करने होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज से पहले खुद के संन्यास लेने संबंधी उन्होंने न तो कोई बयान दिया और न ही इसके लिए किसी को अधिकृत किया।

कहा कि सशर्त मिली अंतरिम जमानत और न्यायालय के आदेश पर वह अब भी अधिकृत तौर पर कोई बयान नहीं दे रहे, उन्होंने श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने निजी शिष्टाचार मुलाकात कर अपनी जिज्ञासा शांत की है। इस मौके पर उनके साथ स्वामी आनंद स्वरूप भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने संन्यास की इच्छा अभिव्यक्त की है पर, अभी उनका संन्यास नहीं हुआ है और न ही वह निरंजनी अखाड़ा या अन्य किसी अखाड़े के सदस्य बने हैं।

बताया कि इस मामले में अखाड़ा परिषद, संत समाज तथा विद्वत परिषद से सलाह करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगा। कहा कि यह जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की इच्छा पर निर्भर करता है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अनुमति मिलने के बाद वह संन्यास लेने किस अखाड़े के सदस्य बनेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में अखाड़ा परिषद और संत समाज किसी को निर्देशित नहीं करता है। कहाकि संन्यास लेने वाला व्यक्ति सि मामले में अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होता है।

ज्ञानवापी मामले में पूर्ववर्ती सरकारों को लिया निशाने पर

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की बात को हिंदू धर्म और हिंदू समाज को पहुंचाए गए नुकसान का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया। उन्‍होंने पूर्ववर्ती सरकारों में इस सच को सामने ना लाने की बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मुस्लिम समाज से हिंदू धर्म के हित में और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पर से अपना दावा छोड़ने का आह्वान भी किया।

साथ ही उन्होंने मथुरा मामले में भी मुस्लिम समाज से इसी तरह के बर्ताव की अपेक्षा की। उन्‍होंने सपा नेता अखिलेश यादव को मौका परस्त बताया। कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें सपने में भी भगवान श्री कृष्ण नजर आते थे पर चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने ज्ञानवापी और मथुरा आदि मामलों में चुप्पी साध ली है। आरोप लगाया कि अखिलेश यादव की यह हरकत बताती है कि हिंदू धर्म को लेकर उनकी आस्था और विश्वास सिर्फ वोट की राजनीति तक ही सीमित है।

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