हरीश रावत स्टिंग प्रकरण, हरक के नए पैंतरे से सियासत में हलचल; पढ़िए पूरी खबर

हरीश रावत के स्टिंग के मामले में सीबीआइ द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिए जाने के बाद अब हरक सिंह रावत मुकदमा वापस लेनेे पर विचार कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 04 Nov 2019 10:49 AM (IST) Updated:Mon, 04 Nov 2019 08:33 PM (IST)
हरीश रावत स्टिंग प्रकरण, हरक के नए पैंतरे से सियासत में हलचल; पढ़िए पूरी खबर
हरीश रावत स्टिंग प्रकरण, हरक के नए पैंतरे से सियासत में हलचल; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। अप्रत्याशित कदम उठाने के लिए चर्चित सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के नए सियासी पैंतरे से सत्ता के गलियारों में हलचल है। मार्च 2016 में विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग के मामले में सीबीआइ द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिए जाने के बाद अब हरक सिंह रावत मुकदमा वापस लेनेे पर विचार कर रहे हैं। हालांकि रावत का कहना है कि इस संबंध में अभी उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है। हरक सिंह रावत ने ही इस मामले में सीबीआइ जांच को याचिका दायर की थी लेकिन पिछले दिनों सीबीआइ द्वारा उनके खिलाफ भी स्टिंग प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। 

मार्च 2016 में प्रदेश की सियासत में उस समय भूचाल आ गया था जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत कांग्रेस के नौ विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद तत्कालीन हरीश रावत सरकार के सामने सरकार बचाने की चुनौती खड़ी हो गई थी। इस बीच 26 मार्च 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आया, जिसमें वह सरकार बचाने के लिए एक चैनल के सीइओ के साथ मध्यस्थता की बात करते नजर आए। इस स्टिंग के सार्वजनिक होने के बाद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की।

सीबीआइ ने अप्रैल 2016 में मामले को अपने हाथ में लेते हुए जांच शुरू कर दी थी। इस बीच अक्टूबर 2019 में सीबीआइ ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और निजी चैनल के सीइओ उमेश कुमार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया। यह कदम कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के लिए अप्रत्याशित था। ऐसे में अब उन्होंने इस मामले में पैंतरा बदलते हुए मुकदमा वापस लेने के संकेत दिए हैं। हालांकि, कानूनी जानकारों की मानें तो अब हरक सिंह रावत द्वारा मुकदमा वापस लेने का इस मामले में कोई असर नहीं पड़ेगा। इस मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है। ऐसे में इस पर पूरी कार्यवाही होगी। 

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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि उनकी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह राजनीतिक व उसूलों की लड़ाई थी, तब वह लड़ी गई। अब इस मामले में विधि विशेषज्ञों व पार्टी हाईकमान से बात करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस कारण अभी इस पर कोई टिप्पणी उचित नहीं।

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