लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली प्रचार सामग्री को गाइड लाइन जारी

जिला निर्वाचन विभाग ने गाइड लाइन जारी कर दी है। एमसीएमसी की अनुमति और प्रमाणित प्रचार सामग्री ही प्रसारित की जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 09:28 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली प्रचार सामग्री को गाइड लाइन जारी
लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली प्रचार सामग्री को गाइड लाइन जारी

देहरादून, जेएनएन। लोकसभा निर्वाचन में उपयोग होने वाली प्रचार सामग्री के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने गाइड लाइन जारी कर दी है। एमसीएमसी की अनुमति और प्रमाणित प्रचार सामग्री ही प्रसारित की जाएगी। इसका उल्लंघन किया तो संबंधित के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन में कार्रवाई की जाएगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी एसए मुरुगेशन ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी को प्रचार सामग्री प्रमाणित करनी होगी। इसके लिए चौबीस घंटे एमसीएससी (मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी) का दफ्तर खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने प्रचार-प्रसार के संसाधनों के लिए विकासभवन प्रथम तल में एमसीएमसी दफ्तर से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए नोडल अधिकारी सहायक महानिरीक्षक निबंधक अरुण प्रताप सिंह को बनाया गया है। 

उन्होंने बताया कि निर्वाचन के दौरान प्रचार सामग्रियां जैसे पंपलेट, बैनर, फ्लैक्स, होर्डिंग्स, कटआउट, फ्लैग, अपील, मेनीफेस्टो, झंडे, बैज, पट्टा के अलावा समाचार पत्रों में विज्ञापन की विषयवस्तु प्रमाणन के लिए अग्रिम अनुमति लेनी होगी। अनुमति के बाद ही प्रचार सामग्री प्रसारित की जाएंगी। बिना अनुमति प्रचार सामग्री प्रसारित करने वाले प्रत्याशी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रकाशित प्रचार सामग्री में प्रिंटिंग प्रेस की प्रिंटलाइन एवं प्रतियों की संख्या प्रपत्र भरकर प्रस्तुत करना होगा।

पांच पार्किंग में ही खड़े होंगे समर्थकों के वाहन

लोकसभा प्रत्याशियों के समर्थन में नामांकन रैली में शामिल होने वाले समर्थकों की भीड़ कलक्ट्रेट के अंदर नहीं आएगी। इसके अलावा समर्थक अपने वाहन तय पांच पार्किंग पर खड़े करेंगे। ताकि नामांकन की रैली और जश्न के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र खरीदने के साथ ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नामांकन की तैयारी में जुट गई हैं। प्रत्याशी घोषित होने के बाद भाजपा, कांग्रेस, बसपा, उक्रांद समेत अन्य पार्टियों के प्रत्याशी समर्थकों की भीड़ के साथ नामांकन कराएंगे। ऐसे में प्रशासन ने भी भीड़ के मुताबिक पार्किंग, डायवर्ट प्लान, सुरक्षा व्यवस्था का प्लान बनाया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताया कि प्रत्याशियों के नामांकन को जुटने वाली भीड़ को कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर ही रोका जाएगा। 

इस दौरान कचहरी का ट्रैफिक दूसरे रूटों पर डायवर्ट किया जाएगा। प्रत्याशियों और समर्थकों के वाहन के लिए पुरानी जेल परिसर, एमकेपी स्कूल, परेड ग्राउंड तथा दीनदयाल उपाध्याय पार्क में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। कलक्ट्रेट के आस-पास वाहन खड़े किए तो पुलिस क्रेन से उठा लेगी। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस और सीपीयू को विशेष निर्देश दिए गए हैं।

यहां बनाई गई बेरिकेटिंग

कलक्ट्रेट को जाने वाली सड़क पर पहली बेरिकेटिंग छप्पनभोग रेस्टोरेंट, दूसरी होटल सौरव, तीसरी बेरिकेटिंग सीजीएम कोर्ट तथा चौथी कचहरी परिसर शहीद स्मारक के पास बनाई गई। यहां से नामांकन के दौरान कोई भी दुपहिया और चार पहिया वाहन आवाजाही नहीं करेगा।

ड्यूटी से कन्नी काट रहे अधिगृहित वाहन चालक

लोकसभा चुनाव में वाहनों की कमी निर्वाचन कार्य में बाधा बन रही है। अभी तक जिन सरकारी और गैर सरकारी वाहनों का अधिग्रहण किया गया है, उनके चालक और स्वामी ड्यूटी पर आने से बच रहे हैं। परिवहन के नोडल अधिकारी ने चेतावनी जारी करते हुए ऐसे वाहन चालक और स्वामियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है।

लोकसभा चुनाव के लिए परिवहन व्यवस्था जुटाने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। परिवहन विभाग ने चार सौ से ज्यादा वाहनों का अधिग्रहण किया है। मगर, ड्यूटी पर आने से हर कोई कतरा रहा है। यहां तक कि कई सरकारी विभाग के अफसर भी वाहन देने से बच रहे हैं। इससे निर्वाचन से जुड़े काम कराने में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। अभी तक निर्वाचन विभाग ने 315 वाहन सरकारी और 125 निजी वाहन अधिग्रहित किए हैं। इनमें से 60 फीसद वाहन ही निर्वाचन के काम आ रहे हैं।

सहायक परिवहन अधिकारी निर्वाचन विपिन कुमार ने बताया कि अधिग्रहण के बाद जो वाहन चालक और स्वामी ड्यूटी पर आने से बच रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसे वाहन चालकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि समय पर अपनी उपस्थिति जिला पूर्ति कार्यालय में नहीं कराई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है।

आज होगा सुरक्षा बलों का निर्धारण

केंद्र ने प्रदेश में 60 कंपनी सुरक्षा बल की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 30 कंपनी पहले ही राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। जबकि 30 कंपनी सुरक्षा बल 30 मार्च तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा अन्य राज्यों के होमगार्ड और राज्य पुलिस बल भी अप्रैल पहले सप्ताह तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा देगा। इधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी मंगलवार को 13 जिलों की पांचों लोकसभा का सुरक्षा प्लान जारी करेंगी।

लोकसभा चुनाव के लिए अब 22 दिन शेष हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी निर्वाचन विभाग की चिंता बढ़ गई है। केंद्र से 100 कंपनी पैरा और पुलिस फोर्स मांगी गई थी। मगर, केंद्र ने 60 कंपनियों की अनुमति दी है। शेष सुरक्षा बल की आपूर्ति होमगार्ड और राज्य पुलिस बल से करनी होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से होमगार्ड और राज्य पुलिस बल मांगा गया है। 

डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि किस जिले में कितनी फोर्स तैनात रहेगी, इसका प्लान तैयार कर लिया है। अभी तक जो पुलिस फोर्स की अनुमति मिली है, वह पर्याप्त है। अप्रैल प्रथम सप्ताह में सुरक्षा बल को ब्रीफिंग दी जाएगी। इधर, मंगलवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी जिलेवार सुरक्षा व्यवस्था का प्लान लागू करेगी। इस दौरान किस जिले में कितनी फोर्स रहेगी और सुरक्षा के दूसरे क्या इंतजाम होंगे, इसका निर्धारण किया जाएगा।

संवेदनशील पर अभी इंतजार

मुख्य निर्वाचन विभाग ने अति संवेदनशील, संवेदनशील बूथों पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही इनका निर्धारण होना है। अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है। प्रत्याशी तय होने के बाद भी कई बूथों की संवेदनशीलता पर निर्णय लिया जाएगा।

मैदानी जिलों में दोगुनी सुरक्षा

लोकसभा चुनाव के दौरान मैदानी जिलों में सुरक्षा दोगुनी रहेगी। इसमें हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, देहरादून के हर बूथ पर दो से ज्यादा पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगे। जबकि पहाड़ के कई ऐसे बूथ हैं, जहां एक पुलिस कर्मी और दो से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए जा सकते हैं।

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