राज्य में पैदा बिजली पर लगेगा उपकर

राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्य सरकार उत्तराखंड में पैदा होने वाली ऐसी बिजली पर 'हरित ऊर्जा उपकर' ल

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 05:22 AM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 01:01 AM (IST)
राज्य में पैदा बिजली पर लगेगा उपकर

राज्य ब्यूरो, देहरादून:

राज्य सरकार उत्तराखंड में पैदा होने वाली ऐसी बिजली पर 'हरित ऊर्जा उपकर' लगाने जा रही है, जिसका पारेषण राज्य के बाहर किया जाएगा। उत्पादक कंपनी पर लगने वाले इस उपकर की दर 10 पैसे प्रति यूनिट तक होगी। इसके अलावा, राज्य के व्यावसायिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाने वाली बिजली पर भी 10 पैसे प्रति यूनिट तक हरित ऊर्जा उपकर लगाया जाएगा। इससे अर्जित होने वाली आय को नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने, गैर-परंपरागत बिजली खरीदने व नवीकरण ऊर्जा प्रमाण पत्र खरीदने में खर्च किया जाएगा।

मंगलवार को इस संबंध में उत्तराखंड हरित ऊर्जा उपकर विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। प्रस्तावित अधिनियम में उक्त प्रावधान किए गए हैं। वाणिज्यिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं पर लगने वाले इस उपकर की राशि ऊर्जा निगम संग्रहित कर हरित ऊर्जा निधि में जमा करेगा। हरित ऊर्जा उपकर का भुगतान 30 जून को या उससे पहले करना होगा। इस राशि के लिए हरित ऊर्जा निधि की स्थापना की जाएगी। इस निधि का उपयोग नवीकरणीय बिजली का उत्पादन बढ़ाने, गैर-परंपरागत बिजली व नवीकरण ऊर्जा प्रमाण पत्र खरीदने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा।

प्रस्तावित अधिनियम में उत्पादक कंपनी व ऊर्जा निगम के लिए उपकर के स्वयं निर्धारण का प्रावधान भी किया गया है। उपकर का भुगतान न करने पर उत्पादक कंपनी व ऊर्जा निगम पर दो फीसद प्रति माह की दर से जुर्माना लगेगा। लेखा पुस्तिका न रखने, मीटर आदि में छेड़छाड़ करने की स्थिति में दोषी के विरुद्ध जुर्माने के सख्त प्रावधान भी प्रस्तावित अधिनियम में किए गए हैं।

इनसेट..

60 दिन बाद सील होगा प्रोजेक्ट

प्रस्तावित अधिनियम के तहत देय उपकर या जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में संबंधित परियोजना, भवन या संस्थान को सील करने का सख्त प्रावधान भी रखा गया है। इसके मुताबिक यदि डिमांड नोटिस के 60 दिन के भीतर उपकर या जुर्माने का भुगतान नहीं किया जाता, तो संबंधित उत्पादक कंपनी या ऊर्जा निगम की परियोजना, भवन या संस्थान सील कर दिया जाएगा।

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