प्रसव पूर्व लिंग जांच पर सरकार गंभीर, खुद कराएगी स्टिंग ऑपरेशन

प्रसव पूर्व लिंग की जांच कराकर बेटा है या बेटी इसकी जानकारी लेने वालों का सरकार खुद स्टिंग ऑपरेशन कराएगी। वहीं, महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय में प्रसव सुविधा शुरू हो गई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 02 Aug 2018 01:53 PM (IST) Updated:Thu, 02 Aug 2018 05:14 PM (IST)
प्रसव पूर्व लिंग जांच पर सरकार गंभीर, खुद कराएगी स्टिंग ऑपरेशन
प्रसव पूर्व लिंग जांच पर सरकार गंभीर, खुद कराएगी स्टिंग ऑपरेशन

देहरादून [जेएनएन]: पुत्रमोह या वंश आगे बढ़ाने को बेटे की चाह अब भारी पड़ेगी। प्रसव पूर्व लिंग की जांच कराकर बेटा है या बेटी इसकी जानकारी लेने वालों का सरकार खुद स्टिंग ऑपरेशन कराएगी। नियम विरुद्ध पाए गए ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय में प्रसव सुविधा शुरू हो गई है। जबकि अस्पताल में सिजेरियन भी जल्द शुरू होने जा रहे हैं। 

उत्तराखंड में गुजरात राज्य की तर्ज पर ऐसे परिवारों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई अमल में लाने का फैसला किया है। सरकार ऐसे लोगों को जो लिंग चयन कराने वाले चिकित्सकों से संपर्क कर गर्भवती मा के पेट में पल रहे भ्रूण के लिंग जानने की मंशा रखते हैं उन्हें अब आड़े हाथों लेंगी। 

पीसीपीएनडीटी एक्ट की राज्य नोडल अधिकारी व अपर निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि विभिन्न स्त्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दशकों से 0 से 6 आयु वर्ग के लिंगानुपात में लगातार गिरावट देखी गई है। जिससे पता चलता है कि प्रदेश में आज भी लोग पुत्र मोह के कारण भूण हत्या को अंजाम दे रहे हैं। इसी को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।

लिंग जाच पर कार्रवाई को लेकर सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। डॉ. नैथानी ने बताया कि सभी जनपदों को इस विषय में विभिन्न बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्टिंग ऑपरेशन का कदम उठाने से पहले विभाग की ओर से जनपदों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। ऐसे परिवार या व्यक्ति को इसकी जानकारी दी जाएगी कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग चयन के लिए चिकित्सक या फिर अल्ट्रासाउंड केंद्र से संपर्क किया जाना नियमविरुद्ध है। 

वह इस प्रकार के कृत्य से दूर रहें अन्यथा उनके विरुद्ध भी पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अल्ट्रासाउंड केंद्रों को प्रदर्शित करनी होगी सूचना सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों और अल्ट्रासाउंड केंद्रों को प्रमुखता से यह सूचना प्रदर्शित करनी होगी कि पीसी-पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत लिंग जाच कराने पर संबंधित महिला के पति, परिवार के सदस्य व अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। स्टिंग ऑपरेशन के लिए आशा वर्कर, एएनएम व चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को अधिकृत किया जाएगा। जिन्हें लिंग चयन के कार्य में लगे चिकित्सकों व सहयोगी व्यक्तियों की पहचान होने पर विभाग को तुरंत सूचित करना होगा। जनपद द्वारा इस कार्य के लिए नामित चिकित्सकों के माध्यम से गुपचुप ढंग से डिक्वॉय ऑपरेशन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इतना ही नहीं जानकारी देने वाले व्यक्तियों को जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।

नेत्र चिकित्सालय में शुरू हुई प्रसव सुविधा

गर्भवती महिलाओं के लिए राहतभरी खबर है। सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके लिए मातृ एवं शिशु देखभाल का एक विकल्प और खुल गया है। महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय में प्रसव सुविधा शुरू हो गई है। जबकि अस्पताल में सिजेरियन भी जल्द शुरू होने जा रहे हैं। 

डालनवाला में स्थित महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय को कोरोनेशन अस्पताल के साथ मर्ज कर जिला अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। 18 मई को स्वास्थ्य सचिव नितीश झा ने अस्पताल का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को इस बावत दिशा निर्देश दिए थे। जिसके बाद अस्पताल में तमाम सुविधाएं जुटा ली गई हैं। यहां नेत्र के अलावा स्त्री एवं प्रसूति रोग, फिजीशियन, बाल रोग, चर्म रोग व फिजियोथेरेपिस्ट की भी नियुक्ति की गई है। जिसका असर अस्पताल की ओपीडी पर भी दिख रहा है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि अस्पताल में प्रसव सुविधा शुरू कर दी गई है। गत माह अस्पताल में 94 मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए। जुलाई में नेत्र के अलावा मातृ एवं शिशु रोग व अन्य बीमारियों के कुल 4139 मरीजों का उपचार किया गया। वहीं अस्पताल में अब फिजियोथैरेपी, अल्ट्रासाउंड, टीकाकरण, पैथोलॉजी आदि की भी सुविधाएं हैं। वहीं हंस फाउंडेशन ने नेत्र विभाग को कई अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं। जिनका लाभ मरीजों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल के स्टाफ का तन व मन स्वस्थ रहे उसके लिए प्रतिदिन सुबह पंद्रह मिनट के लिए फिटनेस एक्सरसाइज भी शुरू की गई है।

बच्चों के सेहत की चिंता है तो 10 अगस्त को जरूर भेजें स्कूल

आगामी 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत एक से 19 साल के बच्चों को दवा 'एल्बेंडाजोल' खिलाई जाएगी। बच्चों की सेहत से जुड़ी इस मुहिम में अब निजी स्कूल भी सहभागी बन गए हैं। इसी संदर्भ में बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में निजी स्कूलों की एक बैठक पेसलवीड कॉलेज में आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि जो बच्चे दस अगस्त को दवा खाने से छूट जाएंगे, उनके लिए 17 अगस्त को मॉप अप राउंड आयोजित किया जाएगा।

अगस्त में 5603 निजी स्कूलों के माध्यम से कुल 12,44,703 बच्चों को कृमि मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि अधिकाधिक बच्चों को कृमि मुक्त किया जा सके। बताया गया कि यह दवा पूर्णत: सुरक्षित है। गंभीर कृमि संक्रमण वाले बच्चों को दवा खिलाने पर कुछ मामूली दिक्कत हो सकती है। जैसे जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त और थकान आदि। इसके अलावा स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी व्यवहारों का पालन कर बच्चों और अन्य लोगों को कृमि संक्रमण से मुक्त रखा जा सकता है। बैठक में करीब 21 निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान एनएचएम से डॉ. अमित शुक्ला ने कृमि मुक्ति दिवस पर विस्तृत जानकारी दी। प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।

डेंगू के खिलाफ निजी स्कूल भी साथ पेसलवीड स्कूल में आयोजित बैठक में निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यो व प्रतिनिधियों के साथ डेंगू की रोकथाम पर भी चर्चा की गई।

प्रभारी अधिकारी वेक्टर जनित रोग डॉ. पंकज कुमार सिंह ने इस विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह निजी स्कूल डेंगू की रोकथाम में मदद कर सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रार्थना सभा, शिक्षक-अभिभावक सम्मेलन और निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता आदि के माध्यम से बच्चों व आम जन को इस ओर जागरूक किया जा सकता है। विद्यार्थियों द्वारा खेल खेल में प्रोजेक्ट वर्क के तहत घर व आसपास डेंगू के मच्छर को पनपने से रोकने को की जाने वाली गतिविधि की जानकारी भी उन्होंने दी। उन्होंने बताया कि अभिभावकों के संवेदीकरण के लिए मोबाइल फोन पर प्रचार सामग्री भी भेजी जा रही है। इस दौरान डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डॉ. अवनीश गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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