उत्तराखंड में विधायकों की सुलह में नजर आया सरकार और संगठन का दबाव

खानपुर व झबरेड़ा विधायकों के बीच हुई सुलह में सरकार व संगठन का दबाव साफ नजर आया है। दोनों विधायकों की बॉडी लेंग्वेज में भी इसकी झलक दिखी।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 02 Jan 2020 09:15 AM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 09:15 AM (IST)
उत्तराखंड में विधायकों की सुलह में नजर आया सरकार और संगठन का दबाव
उत्तराखंड में विधायकों की सुलह में नजर आया सरकार और संगठन का दबाव

देहरादून, राज्य ब्यूरो।  खानपुर व झबरेड़ा विधायकों के बीच हुई सुलह में सरकार व संगठन का दबाव साफ नजर आया है। दोनों विधायकों की बॉडी लेंग्वेज में भी इसकी झलक दिखी। यही कारण रहा कि दोनों विधायक सुलह में सरकार व संगठन के हस्तक्षेप के बीच विवाद का पटाक्षेप होने की बात दोहराते रहे। अब नजरें इस बात पर भी हैं कि यह सुलह कब तक टिकेगी। कारण यह कि पहले भी दोनों के बीच सुलह हुई थी लेकिन कुछ दिनों बाद ही दोनों फिर एक दूसरे से टकरा गए थे। 

भाजपा के निष्कासित विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच तीखा विवाद चल रहा था। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज कराया हुआ है। वहीं, अनुशासनहीनता के मामले में चैंपियन पार्टी से भी निष्कासित चल रहे हैं। वहीं, कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हस्तक्षेप के बाद दोनों विधायक एक मंच पर आए और आपसी विवाद के पटाक्षेप करने की बात कही। दोनों विधायकों ने कहा कि वे एक दूसरे पर दर्ज कराए गए मुकदमें वापस ले लेंगे। 

हरिद्वार रोड स्थित होटल में दोनों विधायकों की सुलह के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय खासा सक्रिय नजर आया। दोनों विधायकों के आने से पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय के पदाधिकारी होटल में पहुंच गए थे। यहां तक कि पत्रकारवार्ता में भी दोनों विधायकों ने शुरूआत में मंच पर आने के बाद एक दूसरे का अभिवादन तक नहीं किया था। 

मीडिया के कहने पर ही दोनो गले भी मिले। बेहद संक्षिप्त पत्रकारवार्ता के बाद चैंपियन वहां से निकल गए। वहीं, कर्णवाल बार-बार इस बात को दोहराते रहे कि सरकार, संगठन व राष्ट्रीय नेतृत्व का जो भी आदेश होगा वह उसका अनुपालन करेंगे।

दरअसल, दोनों विधायकों के बीच पहले भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दोनों विधायकों को अपने आवास में बुलाकर सुलह करा चुके हैं। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही दोनों विधायकों के बीच फिर विवाद शुरू हो गया था। यही कारण भी रहा कि पत्रकारवार्ता के दौरान दोनों विधायक फिर से वहीं बात दोहराने के सवाल से बचते भी नजर आए। 

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आसान नहीं है मुकदमा वापस लेना

भले ही दोनों विधायक एक-दूसरे से मुकदमा वापस लेने की बात कर रहे हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं है। कारण यह कि विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा दर्ज मुकदमें पर हाईकोर्ट चैंपियन की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर चुका है। इसके बाद से ही चैंपियन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हालांकि, विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि नीयत साफ है इसके लिए रास्ता निकल जाएगा।

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