वन विकास निगम कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
वन विकास निगम कर्मियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। उन्होंने निगम प्रबंधन पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है।
देहरादून, जेएनएन। वन विकास निगम कर्मियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। उन्होंने निगम प्रबंधन पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है। साथ विभिन्न मांगों पर तीन दिन के भीतर कार्रवाई की मांग की है। गुरुवार को वन विकास निगम के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में कार्मिकों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन की ओर से एक अधिकारी को सात माह के भीतर ही तीन प्रोन्नति दी गईं। साथ ही तत्कालीन प्रबंधन के साथ मिलकर तमाम नियमों को ताक पर रखकर निगम के लाखों रुपये के समान को कौडिय़ों के भाव बेचा गया। जिसके प्रमाण भी प्रबंधन को दिए गए हैं, लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को बचाने के लिए प्रबंधन की ओर से मामले की जांच उसी अधिकारी से कराई गई जो पहले ही जांच के घेरे में है।
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कार्मिकों की मांग पर वन मंत्री ने मामले की जांच के निर्देश दिए, लेकिन प्रबंध निदेशक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बैठक में हरदेव रावत, गिरीश नैथानी, स्केलर संघ के पदाधिकारी टीएस बिष्ट, पूरन रावत, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन से प्रेम चौहान, बीएस रावत, सूरत सिंह बंगारी आदि उपस्थित थे।
पिछड़े वर्गों का बढ़ाया जाए आरक्षण
मूल निवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ की उत्तराखंड इकाई ने सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्गों का आरक्षण बढ़ाने की मांग की है। महासंघ के प्रदेश संगठन सचिव जितेंद्र सिंह बुटोइया ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया है। महासंघ ने पुरानी पेंशन बहाली, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, आउटसोर्सिंग, संविदा, लेटरल एंट्री भॢतयों पर रोक लगाने समेत 13 सूत्रीय मांगों को ज्ञापन में उठाया है। साथ ही इन्हें जल्द पूरा करने की मांग की है।
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