सरकार की अनदेखी से कर्मचारी खफा

राज्य के कर्मचारी सरकार की नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 07:35 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 07:35 PM (IST)
सरकार की अनदेखी से कर्मचारी खफा
सरकार की अनदेखी से कर्मचारी खफा

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के कर्मचारी सरकार की नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं। चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रोष प्रकट कि और शीघ्र कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

बुधवार को तहसील भवन में महासंघ की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें महासंघ के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नाजिम सिद्दीकि ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां कर्मचारी विरोधी हैं। कई बार अवगत कराने के बावजूद सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण नहीं कर रही है। संघ के महामंत्री बनवारी सिंह रावत ने कहा कि महासंघ लंबे समय से सात सूत्रीय मांगों के निस्तारण की मांग कर रहा है। जिनमें विभिन्न संवर्गो के कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा 10, 16, 26 वर्ष के आधार पर किया जाना, एसीपी का लाभ लेने के लिए उच्च प्रविष्ठी को आधार न बनाना और हर संवर्ग में अधिकतम 4200 रुपये ग्रेड पे दिए जाने की मांग शामिल हैं। महासंघ के सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कर्मचारियों को वार्ता का समय प्रदान नहीं किया जाता तो महासंघ आंदोलन को बाध्य होगा। बताया कि आंदोलन के तहत कर्मचारी अवकाश लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि राजधानी में सरकार के खिलाफ व्यापक रैली निकाली जाएगी और मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। आंदोलन की रूपरेखा को लेकर महासंघ जल्द बैठक बुलाएगा। इस दौरान मनबर सिंह नेगी, जसवंत सिंह असवाल, प्रेम सिंह कंडारी, दीवान सिंह नेगी, ईश्वर दत्त पांडेय, आरके धनाई, मनमोहन सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

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