देहरादून : लच्छीवाला में ट्रेन की चपेट में आकर शिशु हाथी की मौत

देहरादून वन प्रभाग के लच्छीवाला वन रेंज के अंतर्गत खैरी वनवाह रेलवे ट्रैक के बीच सोमवार तड़के ट्रेन की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों व वन विभाग की टीम ने शिशु हाथी का पोस्टमार्टम कर उसे दफना दिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 08:19 AM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 09:06 PM (IST)
देहरादून : लच्छीवाला में ट्रेन की चपेट में आकर शिशु हाथी की मौत
नंदा देवी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से हाथी के बच्चे की मौत।

संवाद सूत्र डोईवाला। देहरादून वन प्रभाग के लच्छीवाला वन रेंज के अंतर्गत खैरी वनवाह रेलवे ट्रैक के बीच सोमवार तड़के ट्रेन की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों व वन विभाग की टीम ने शिशु हाथी का पोस्टमार्टम कर उसे दफना दिया है। उधर, वन विभाग ने नंदा एक्सप्रेस के लोको पॉयलट के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

रेंज अधिकारी लच्छीवाला घनानंद उनियाल ने बताया की सोमवार तड़के गश्त के दौरान गश्ती दल ने वनवाह बीट के अंतर्गत रेलवे ट्रैक के किनारे एक शिशु हाथी को मृत देखा। जिसकी जानकारी तत्काल उच्चाधिकारियों को दी गई। उन्होंने बताया कि जिस दौरान घटना घटी, उस दौरान नंदा देवी एक्सप्रेस ट्रेन यहां से गुजरती है। उसी की चपेट में आने से हाथी के बच्चे की मौत हुई। 

उन्होंने बताया कि दुर्घटना लच्छीवाला वन रेंज के अंतर्गत खैरी वनवाह-कांसरो पुल के नजदीक हुई। शिशु हाथी की उम्र लगभग ढाई वर्ष बताई जा रही है। सूचना पाकर डीएफओ देहरादून राजीव धीमान, उप प्रभागीय वनाधिकारी ऋषिकेश भारत भूषण मार्तोलिया भी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में पशु चिकित्सा अधिकारी राकेश नौटियाल, डॉ. राजीव दुबे ने हाथी के बच्चे का पंचनामा व पोस्टमार्टम किया। शिशु हाथी का बिसरा सुरक्षित रखने के बाद उसे दफना दिया गया है। रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि नंदा देवी एक्सप्रेस ट्रेन के चालक के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 

गत वर्ष भी ट्रेन की चपेट में आकर हुई थी दो हाथियों की मौत 

लच्छीवाला वन रेंज के अंतर्गत लच्छीवाला नकरौंदा रेलवे ट्रैक पर गत वर्ष भी ट्रेन की चपेट में आने से दो शिशु हाथियों की मौत चुकी है। क्षेत्र में हाथियों का आवागमन लगा रहता है। पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक हाथियों के बच्चों की मौत वन विभाग भी सकते में है। हालांकि वन विभाग इससे पूर्व जंगली हाथियों की सुरक्षा की दृष्टि से अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की बात कह चुका है। लेकिन अभी तक यह सिस्टम लगाए नहीं जा सका। हालांकि पार्क से सटे रेलवे ट्रैक पर कुछ जगह यह सिस्टम लगाया गया है।

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