डा. नित्यानंद संस्थान हिमालयी पर्यावरण प्रहरी: प्रो. डंगवाल
दून विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित डा. नित्यानंद हिमालयन शोध एवं अध्ययन केंद्र समूचे हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रहरी का कार्य करेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून : दून विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित डा. नित्यानंद हिमालयन शोध एवं अध्ययन केंद्र समूचे हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रहरी का कार्य करेगा। इस संस्थान के स्थापित होने से भू-विज्ञान के क्षेत्र में प्रमाणिक एवं मौलिक शोध संचालित करने में मदद मिलेगी।
यह बात मंगलवार को दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने अपने एक वर्ष के बतौर कुलपति कार्यकाल पूरे होने के उपलक्ष्य में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि विवि में कई पाठ्यक्रमों में इस वर्ष से प्रवेश प्रारंभ किए गए हैं जो विवि को विस्तार देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेरी एक वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि उत्तराखंडी लोक कला, भाषा एवं सास्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का बीड़ा उठाना रही है। इसके दृष्टिगत विवि में स्नातकोत्तर स्तर पर एमए थिएटर पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। लोक भाषाओं मे सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ किया गया है। इससे उत्तराखंड की बहुमूल्य संस्कृति भाषा एवं परंपराओं को संरक्षण व प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी। कहा कि दून विवि के विद्यार्थियों की कोरोना काल में आनलाइन,आफलाइन व हाइब्रिड मोड में कक्षाओं का संचालन कर अध्ययन व अध्यापन के लिए उचित वातावरण तैयार किया। शोध की गुणवत्ता, उत्कृष्टता एवं निरंतरता को ध्यान में रखते हुए समय पर पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश से शोध के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने में सहायता मिली। प्रत्येक स्कूल में पीएचडी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने से शोध का वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विवि ने देश एवं दुनिया के विभिन्न संस्थानों एवं प्रतिष्ठानों से जुड़े विषय विशेषज्ञों को शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के साथ अकादमिक संवाद के लिए आमंत्रित किया गया। यह प्रक्रिया वृहद स्तर पर चलाई गई। जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। विवि को उत्कृष्टता के शिखर तक पहुंचाने के लिए हमने शुरुआत काफी मजबूत एवं स्थिरता के साथ की है।