उत्तराखंड: शिक्षक भर्ती पर आदेश स्पष्ट होने के बाद होगा फैसला

शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट के रोक हटाने के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया है लेकिन भर्ती कितने पदों के लिए होगी इस पर फैसला कोर्ट के निर्देशों के पूरे अध्ययन के बाद ही हो सकेगा। उम्मीद है अगले हफ्ते तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 12 Oct 2020 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 04:10 PM (IST)
उत्तराखंड: शिक्षक भर्ती पर आदेश स्पष्ट होने के बाद होगा फैसला
शिक्षक भर्ती पर आदेश स्पष्ट होने के बाद होगा फैसला ।

देहरादून, जेएनएन। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट के रोक हटाने के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन भर्ती कितने पदों के लिए होगी, इस पर फैसला कोर्ट के निर्देशों के पूरे अध्ययन के बाद ही हो सकेगा। उम्मीद है, अगले हफ्ते तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से 2018 में प्राथमिक विद्यालय में भर्ती के लिए बीएड के साथ स्नातक में 50 फीसद अंकों की अनिवार्यता लागू की गई थी। सरकार ने इस नोटिफिकेशन के प्रविधान लागू कर दिए और नियुक्ति में पहली प्राथमिकता डीएलएड अभ्यर्थियों को देना भी तय किया। भर्ती के लिए डीएलएड अभ्यर्थी नहीं मिलने पर बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया जाना और इसमें भी टीईटी के अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनाने की शर्त भी लागू की गई। भर्ती प्रक्रिया शुरू भी हो गई थी। 

जिला स्तर से आवेदकों की रिपोर्ट कंपाइल होने लगी थी कि इस प्रविधान के खिलाफ बीएड प्रशिक्षितों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी, जिसके बाद से इस पूरे प्रकरण पर 40 से ज्यादा याचिका कोर्ट में दायर की गईं। पिछले हफ्ते मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक हटा दी। यह रोक हटने के बाद प्राथमिक विद्यालयों में 400 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया, लेकिन इतने समय में जो नए पद रिक्त हुए हैं, उनपर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि हाईकोर्ट ने 40 से ज्यादा याचिकाओं को क्वेस्ट कर एक संयुक्त फैसला सुनाया है। कोर्ट के आदेश के अध्ययन के बिना कार्रवाई संभव नहीं।

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डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षा निदेशक के समक्ष रखेंगे पक्ष

प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर करीब 10 महीनों से आंदोलनरत डीएलएड द्विवर्षीय प्रशिक्षित सोमवार को शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से मुलाकात करेंगे। प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से सबसे ज्यादा फायदा इन्हीं को होने की उम्मीद है। बता दें कि राज्य में हर जनपद की डायट में डीएलएड की 50 सीटें निर्धारित हैं, जिनमें शामिल होने के लिए प्रवेश परीक्षा से गुजरना होता है। प्रशिक्षितों का कहना है कि बाहरी राज्यों के निजी कॉलेजों से डीएलएड की डिग्री लेने वालों को प्रदेश में नियुक्ति का मौका तो मिले, लेकिन सरकारी डायट से प्रशिक्षण के आधार पर उन्हें प्राथमिकता दी जाए। 

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