माता-पिता की सेवा को बेटी ने नहीं की शादी, अब पिता की चिता को दी मुखाग्नि

मुनिकीरेती के पूर्णानंद घाट पर एक बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर सामाजिक वर्जनाएं तोड़कर मिसाल कायम की।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 07 Apr 2018 11:57 AM (IST) Updated:Tue, 10 Apr 2018 05:18 PM (IST)
माता-पिता की सेवा को बेटी ने नहीं की शादी, अब पिता की चिता को दी मुखाग्नि
माता-पिता की सेवा को बेटी ने नहीं की शादी, अब पिता की चिता को दी मुखाग्नि

ऋषिकेश, [जेएनएन]: अपने माता-पिता की तीन बेटियों में मझली बेटी ने इसलिए विवाह नहीं किया कि वह अपने माता-पिता की सेवा करेगी। दस वर्ष पूर्व उसके भाई की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। अब पिता की मृत्यु के पश्चात इस बेटी ने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर भाई की कमी को पूरा किया। पूर्णानंद गंगा तट पर जब आरती अपना फर्ज निभा रही थी, तो वहां मौजूद लोग उसकी इस हिम्मत देखकर भावुक हो उठे।

राजीव ग्राम 14 बीघा मुनिकीरेती निवासी काशीराम नौटियाल 75 वर्ष का बीमारी की हालत में शुक्रवार की रात निधन हो गया। वह ग्राम सभा के पूर्व वार्ड सदस्य रहे हैं। पीछे उनकी पत्नी स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त सुभद्रा के अलावा तीन पुत्रियां कांति 38, आरती 33 और पूजा 28 वर्ष है।

कांति और पूजा का विवाह हो चुका है। काशीराम नौटियाल के सबसे छोटे पुत्र अंकित का 19 वर्ष की उम्र में वर्ष 2008 में छिद्दरवाला में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। परिजनों ने बताया कि मंझली बेटी आरती ने माता-पिता की सेवा करने के लिए विवाह नहीं किया। अब पिता की मृत्यु के पश्चात आरती ने ही पुत्र धर्म निभाया। शनिवार को गंगा तट पूर्णानंद घाट पर इस बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। उसने अंतिम संस्कार की अन्य रसमों को भी पूर्ण किया।

इस मौके पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, पूर्व खंड विकास अधिकारी बीएस बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता देवेश उनियाल, सुरेंद्र कुलियाल वंदे मातरम् आदि मौजूद रहे। उपस्थित स्थानीय लोगों ने इस बेटी की इस सामाजिक जिम्मेदारी को एक मिसाल बताया।

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