यहां जल संरक्षण की प्रेरणा बनी 'आधा गिलास पानी' मुहिम, जानिए

दैनिक जागरण ने आधा गिलास पानी अभियान चलाया है जिसमें होटल रेस्तरां में जल संरक्षण को प्रेरित किया जा रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 13 Jun 2019 01:41 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2019 01:41 PM (IST)
यहां जल संरक्षण की प्रेरणा बनी 'आधा गिलास पानी' मुहिम, जानिए
यहां जल संरक्षण की प्रेरणा बनी 'आधा गिलास पानी' मुहिम, जानिए

देहरादून, जेएनएन। जल की एक-एक बूंद अनमोल है, इसे व्यर्थ न जाने दें। आप घर पर हों या बाहर, होटल-रेस्तरां में, पानी उतना ही लें, जितनी जरूरत हो। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि घर, होटल-रेस्तरां में हम पानी गिलास भरकर लेते हैं, लेकिन उतना पीते नहीं। नतीजा, पानी बर्बाद होता है। इसी सोच के साथ पानी की बर्बादी रोकने के लिए दैनिक जागरण ने 'आधा गिलास पानी' अभियान चलाया है, जिसमें होटल, रेस्तरां में जल संरक्षण को प्रेरित किया जा रहा है।     

इस कड़ी में बुधवार को जीएमएस रोड स्थित होटल जीएमएस ग्रैंड भी दैनिक जागरण के 'आधा गिलास पानी' अभियान की 'पानी पैट्रोन्स' मुहिम का हिस्सा बना। होटल में हुए जागरूकता कार्यक्रम में फूड एंड बेवरेज के डायरेक्टर रघुबीर राणा ने स्टाफ को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। कहा कि ग्राहकों को आधा गिलास पानी परोसें और यदि ग्राहक को और पानी की जरूरत हो तो दोबारा पानी दें। मकसद यह है कि पानी को व्यर्थ जाने से बचाया जा सके। उन्होंने ग्राहकों को भी इस मुहिम से जोड़ने को प्रेरित किया। उन्होंने कर्मियों को नल खुला न छोड़ने और किसी भी तरह से पानी की बूंद-बूंद सहेजने को प्रेरित किया। इस अवसर पर होटल मालिक कुंवर जपेंद्र सिंह उपस्थित रहे। 

वर्षा की बूंद को सहेज रहे जेसी पंत 

वर्षा जल की एक भी बूंद को व्यर्थ न बहने दें। यदि इसका संरक्षण किया जाए तो पेयजल को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है। इसी नेक सोच के साथ केंद्र सरकार में कृषि सचिव रहे जेसी पंत वर्षा जल संरक्षण के प्रति अलख जगा रहे हैं। 

सेवानिवृत्ति के बाद से देहरादून के वसंत विहार में रह रहे जेसी पंत ने अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाया हुआ है। इसमें वर्षा जल की एक-एक बूंद का संचय किया जाता है और इस पानी का उपयोग बगीचे को सींचने, धुलाई समेत अन्य कामों में किया जाता है। पंत कहते हैं कि वर्षा के जल को बर्बाद नहीं होने देना चाहिए। एक ऐसा सख्त कानून हो, जिसमें भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी अनिवार्य किया जाए, साथ ही इसकी मॉनीटरिंग भी हो। 

लेकिन, जेसी पंत यह भी कहते हैं कि जल संरक्षण की सोच लोगों में स्वत: होनी चाहिए। यह किसी पर उपकार नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कोशिश होगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2011 में यह रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाया था, जिसमें हर वर्ष सैकड़ों लीटर पानी संचय करते हैं। इस का उपयोग वह धुलाई, सिंचाई समेत अन्य कामों में करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें पेयजल को अनावश्यक कामों में इस्तेमाल कर बर्बाद होने नहीं देना चाहिए। 

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