मिशन पर ध्यान दें, कमीशन पर नहीं: उप राष्ट्रपति

जागरण संवाददाता, देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) के 2016-1

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Apr 2018 05:33 AM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 05:33 AM (IST)
मिशन पर ध्यान दें, कमीशन पर नहीं: उप राष्ट्रपति
मिशन पर ध्यान दें, कमीशन पर नहीं: उप राष्ट्रपति

जागरण संवाददाता, देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) के 2016-18 कोर्स के दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पास आउट हुए भारतीय वन सेवा (आएफएस) के युवा अधिकारियों को ईमानदारी व देशभक्ति के जज्बे के साथ सेवा करने की प्रेरणा दी। इस दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में, मगर गंभीर संदेश देते हुए कहा कि अधिकारी मिशन पर ध्यान दें, न कि कमीशन पर। संबोधन में अपना यही अंदाज जारी रखते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि फॉरेस्ट सर्विस (वन सेवा) का मतलब फोर-रेस्ट (आराम के लिए) नहीं, बल्कि फार फ्रॉम रेस्ट (आराम से दूर) है। साथ ही उन्होंने युवा अधिकारियों को ग्रीन शोल्डर्स का संज्ञान देते हुए कहा कि उन्हें मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने, वनों पर आश्रित समुदाय की बेहतरी के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। उप राष्ट्रपति ने अधिकारियों को अपनी माटी व संस्कृति से जुड़े रहने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अपने घर में मातृभाषा बोली जानी चाहिए, देश में ¨हदी भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए और जब वह देश से बाहर हों तो अंग्रेजी बोलनी चाहिए।

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वन बचाने पर मिले इंसेंटिव

उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने संबोधन में उन राज्यों की पैरोकारी की, जो वन संरक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो राज्य वनों को बचा रहे हैं, वहां संबंधित निकायों, पंचायतों आदि को इंसेंटिव दिया जाना चाहिए। इससे देश में वनों के संरक्षण और संवर्धन में सहयोग मिलेगा। उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए यह बात राहत देने वाली है, क्योंकि 71 फीसद से अधिक वन क्षेत्र होने के बाद भी अब तक ग्रीन बोनस की मांग पूरी नहीं हो पाई है। वन बचाने में उत्तराखंड के चिपको आंदोलन को भी उप राष्ट्रपति ने याद कर एक मिसाल के रूप में लेने का आह्वान किया।

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