मध्य पूर्व एशिया के हालात चिंता का विषय: दारूवाला

प्रख्यात कवि व लेखक पद्मश्री केकी दारूवाला ने दून में मध्य पूर्व एशिया के हालात और ग्रीक लेखन पर किए गए कार्यों को साझा किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 06 Nov 2017 11:31 AM (IST) Updated:Mon, 06 Nov 2017 08:56 PM (IST)
मध्य पूर्व एशिया के हालात चिंता का विषय: दारूवाला
मध्य पूर्व एशिया के हालात चिंता का विषय: दारूवाला

देहरादून, [जेएनएन]: साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता और प्रख्यात कवि व लेखक पद्मश्री केकी दारूवाला ने दून में मध्य पूर्व एशिया के हालात और ग्रीक लेखन पर किए गए कार्यों को साझा किया। 

रविवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर की ओर से आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में केकी दारूवाला ने प्रमुख रूप से मध्य पूर्व एशिया के हालात पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों में हिसा की जो घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि किन कारणों के चलते हिंसा बढ़ रही है और वैश्विक समुदाय को इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

साथ ही, पद्मश्री दारूवाला ने धर्म परिवर्तन निरोधी कानून पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कानून बनने के बाद भी विभिन्न कारणों से धर्म परिवर्तन पर प्रभावी अंकुश लगाया जाना अभी बाकी है। हालांकि इसके व्यवहारिक पक्ष को भी देखा जाना चाहिए। गोष्ठी के दौरान उन्होंने विभिन्न कविताएं भी पेश कीं।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सेंटर के निदेशक डॉ. बीके जोशी ने बताया कि केकी दारूवाला का दून से गहरा नाता रहा है। वर्ष 1960-61 में वह देहरादून में सहायक पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात रहे। इसके बाद एसएसबी में वह रानीखेत व जोशीमठ में तैनात रहे। इस अवसर पर साहित्यकार नयनतारा सहगल, सुभाष पंत, एलएन सीली, विद्या सिंह, पूर्व मुख्य सचिव एसके दास, एनएस नपलच्याल, मनोज पंजानी, चंद्रशेखर तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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