उत्तराखंड सरकार और संगठन को दिल्ली का बुलावा

लक्सर विधायक के विवादित तल्ख बयानों से उपजे सियासी हालात को भाजपा आलाकमान ने गंभीरता से लिया है। हाईकमान ने सीएम त्रिवेंद्र रावत व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट दिल्ली बुलाया है।

By Edited By: Publish:Wed, 18 Jul 2018 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 08:42 PM (IST)
उत्तराखंड सरकार और संगठन को दिल्ली का बुलावा
उत्तराखंड सरकार और संगठन को दिल्ली का बुलावा

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: लक्सर विधायक संजय गुप्ता के विवादित और तल्ख बयानों से उपजे सियासी हालात को भाजपा आलाकमान ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व के बुलावे पर ही सरकार और संगठन एक साथ सूबे के हालिया घटनाक्रम को लेकर दिल्ली दरबार में उपस्थित होंगे। इस स्थिति में इस बात की संभावना भी है कि विधायक संजय गुप्ता पर पार्टी कोई निर्णायक कदम उठाने से गुरेज न करे। 

लगभग सवा साल पहले तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत हासिल कर सत्ता तक पहुंचने वाली भाजपा पर अब इस भारी भरकम बहुमत का दबाव नजर आने लगा है। मंत्रिमंडल में रिक्त दो पद अब तक न भरे जाने और एकाध अपवाद के अलावा अब तक विधायकों व अन्य वरिष्ठ नेताओं को सत्ता में दायित्वों के रूप में हिस्सेदारी न मिलने से उनका धैर्य जवाब देने लगा है। 

पिछले कुछ महीनों के दौरान इसकी परिणति कई विधायकों के विवादित बयानों के रूप में सामने आई है। भाजपा को अनुशासित पार्टी माना जाता है, लेकिन कुछ विधायकों के इस तरह के आचरण से पार्टी ऐसे मौकों पर खुद को असहज स्थिति में पा रही है। 

यही नहीं, हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत की आम पार्टी में शामिल होने को लेकर सियासी गलियारों के साथ ही सोशल मीडिया में भी काफी कुछ चला। बात उठी कि पूर्व मुख्यमंत्री के ऐसे कार्यक्रमों को पहले भाजपा कोसती रही, अब इसमें खुद सरकार के मुखिया शिरकत कर रहे हैं। 

इससे पहले मुख्यमंत्री के दरबार में शिक्षिका उत्तरा पंत के हंगामे का प्रकरण भी खूब उछला। ये मसले शांत भी नहीं हुए थे कि अब लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री और सरकार को निशाने पर ले लिया। हालांकि, पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए विधायक गुप्ता को नोटिस भेजा है, लेकिन इससे पहले भी पार्टी विधायकों के बीच से आक्रोश के सुर उभरे हैं। 

ऐसे में सरकार और संगठन की पेशानी पर बल पड़ना स्वाभाविक है। वह भी ऐसे वक्त में जब सिर पर निकाय चुनाव के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां हैं। भाजपा आलाकमान भी इस बात को लेकर चिंतित है कि लोकसभा चुनाव से पहले आखिर यह क्या चल रहा है। 

माना जा रहा कि इसी क्रम में सरकार और संगठन का पक्ष जानने के मकसद से पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली बुलाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अनुशासनहीनता से जुड़े तमाम मामलों की रिपोर्ट आलाकमान को सौंप सकते हैं। 

इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही अन्य नेताओं से मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री संगठन की मुलाकात हो सकती है। इससे पहले प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, राष्ट्रीय सह महामंत्री शिवप्रकाश समेत नेताओं के साथ उनकी बैठक होगी। 

पार्टी नेताओं के साथ रूटीन बैठक 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अनुसार राज्य को लेकर दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ रूटीन बैठक होनी है। इसमें संगठन से जुड़े सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी। मैं पार्टी के उच्चाधिकारियों से मिलूंगा तो मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सकते हैं।

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