नारी निकेतन में पानी के सैंपलों की दोबारा होगी जांच

नारी निकेतन (केदारपुरम) के पेयजल सैंपल में कॉलीफॉर्म नामक हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाने से प्रोबेशन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Oct 2018 03:01 AM (IST) Updated:Mon, 01 Oct 2018 03:01 AM (IST)
नारी निकेतन में पानी के सैंपलों की दोबारा होगी जांच
नारी निकेतन में पानी के सैंपलों की दोबारा होगी जांच

जागरण संवाददाता, देहरादून: नारी निकेतन के पेयजल सैंपल में कॉलीफॉर्म नामक हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाने से प्रोबेशन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसे समाप्त करने के लिए पेयजल का क्लोरीकरण शुरू कर दिया गया है। उधर, सीएमओ एसके गुप्ता ने जल संस्थान के अधिकारियों को नारी निकेतन से पेयजल सैंपल लेने के निर्देश भी दिए हैं। जल्द ही जल संस्थान के अधिकारी सैंपल ले सकते हैं।

पेयजल सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद नारी निकेतन प्रशासन पानी की गुणवत्ता को सुधारने में जुट गया है। पानी के टैंकों में क्लोरीकरण किया जा रहा है। प्यूरीफायर का भी प्रयोग किया जा रहा है। सीएमओ गुप्ता ने भी नारी निकेतन से पेयजल के दोबारा सैंपल लेने का फैसला किया है। सीएमओ ने नारी निकेतन प्रशासन को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं। अगले कुछ दिनों में पानी के सैंपलों को जल संस्थान के दिलाराम बाजार स्थित लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नारी निकेतन से लिए गए पानी के सैंपलों की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सैंपलों में कॉलीफॉर्म नामक हानिकारक बैक्टीरिया पाया गया है, जो आम तौर पर सीवरेज के पानी में मौजूद रहता है। बताया जा रहा है कि नारी निकेतन में जिस स्थान पर हैंडपंप है, वहां पहले पिट हुआ करता था।

हैंडपंप शिफ्ट करने का सुझाव

भले ही विभागीय अधिकारी पेयजल में क्लोरीकरण को पर्याप्त विकल्प बता रहे हों, लेकिन यह फौरी राहतभर है। सीएमओ की मानें तो हैंडपंप को शिफ्ट करने से ही समस्या का स्थायी समाधान होगा। क्योंकि इसके अभाव में पिट से बैक्टीरिया आसानी से भूमिगत जल में मिलते रहेंगे।

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